Viral Sach – गुरुग्राम : 1947 – मैं मोतीराम मल्होत्रा सुपुत्र स्व. श्री गोकल चन्द मल्होत्रा निवासी मकान नं. 74/9, शिवपुरी का निवासी हूँ | मैं अपने पैदाइशी रिहायश के बारे में बता रहा हूँ मैं गाँव पीर साहब तहसील बक्खर जिला मियांवाली पश्चिमी पाकिस्तान में 10 अगस्त 1933 को पैदा हुआ हूँ |
सन 1947 में जब गदर और हिन्दू-मुस्लिम के झगड़े – फसाद की वजह से अपनी जान बचा कर तहसील बक्खर मियांवाली में आकर शरण ली तथा बाद में खाली हाथ माँ-बाप के साथ गौशाला, सिविल लाइन गुड़गाँव में टेंट में शरणार्थी बनकर रहे |
उनके पश्चात् सन 1948 में सरकार की तरफ से 30 गज के झोपड़े के अलाट हुए तथा अपने बुजुर्गों के द्वारा मेहनत –मजदूरी करते हुए, अपने आपको आज मध्यम वर्ग की श्रेणी में माने जाते है | भगवान आप सब को दीर्घायु बनाये |
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Viral Sach – Gurugram: 1947 – I am Motiram Malhotra’s son Late. Mr. Gokal Chand Malhotra, resident of house no. 74/9, I am a resident of Shivpuri. I am telling about my place of birth, I was born on 10 August 1933 in Village Peer Sahib Tehsil Bakkhar District Mianwali West Pakistan.
In the year 1947, when due to mutiny and Hindu-Muslim conflicts, he saved his life and took refuge in Tehsil Bakkhar Mianwali and later lived empty-handed with his parents as a refugee in a tent in Gaushala, Civil Line, Gurgaon.
After that, in the year 1948, a 30-yard hut was allotted to them by the government, and by working hard and laboring through their elders, today they are considered in the middle class category. God bless you all with long life.
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