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Abhay Jain – हरियाणा के स्कूलों में खाली पड़े हैं साढ़े 46 हजार पद

Abhay Jain

 

Viral Sach – Abhay Jain – हरियाणा में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने की बात तो सरकार कह रही है कि लेकिन एक कड़वी सच्चाई यह है कि यहां के 14 हजार 500 सरकारी स्कूलों में 46459 पद खाली पड़े हैं, जिनमें 39 हजार से अधिक शिक्षकों के पद शामिल हैं। ऐसी बदहाल स्थिति में यहां बच्चों के आगे बढऩे की उम्मीद करना बेमानी है।

आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता अभय जैन एडवोकेट व आप के दक्षिण हरियाणा लीगल हेड अशोक वर्मा एडवोकेट के मुताबिक हरियाणा में सरकारी एवं निजी स्कूल मिलाकर कुल 25 हजार स्कूल हैं। जिसमें से 14 हजार 500 सरकारी व करीब 10 हजार 500 निजी स्कूल हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में खाली पड़े 32 प्रतिशत पदों में सबसे अधिक टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) और पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) के पद खाली हैं। इनमें टीजीटी के तो 55 प्रतिशत पद खाली हैं। हकीकत यह भी है कि यहां शिक्षकों के मंजूर पदों की तुलना में खाली पदों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

नियमित शिक्षकों की भर्तियां नहीं होने के कारण अब स्कूलों से सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों के बाद शैक्षणिक ढांचे की स्थिति बदहाल होती जा रही है। पहले जहां शिक्षकों की भर्ती कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से नियमित तौर पर होती थी, अब सरकार अपनी कंपनी रोजगार कौशल निगम के माध्यम से करना चाह रही है। मतलब अब सरकार शिक्षक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी नियमित भर्ती करने से कदम पीछे हटा रही है।

खाली पदों का ब्यौरा

प्रदेश के स्कूलों में टीचिंग, नॉन टीचिंग के 1 लाख 37 हजार 895 पद हैं, इसमें से 46 हजार 459 पद खाली पड़े हैं। अतिथि अध्यापकों के 12 हजार 156 पद शामिल हैं। खाली पदों में प्राचार्यों के 398, मुख्य अध्यापकों के 112, पीजीटी शिक्षकों के 13974, टीजीटी के 20467, पीआरटी के 4846, गु्रप डी (सफाईकर्मी, माली, चौकीदार आदि) के 6662 पद खाली हैं।

इस तरह से हरियाणा के स्कूलों में कुल 46459 पद खाली पड़े हैं। आप कार्यकर्ता रुस्तम चौहान, भूपेंद्र पहलवान, धीरेंद्र डागर, प्रमोद कटारिया, गौरव टांक, सतीश प्रधान, दिनेश वर्मा, चरण सिंह देवा (प्रधान) आदि ने सरकार की शिक्षा नीति और शिक्षा ढांचे को मजबूत बनाने के दावों पर कहा है कि यह आंकड़े हरियाणा में शिक्षा नीति की हकीकत को बयां करते है।

सरकार के सभी दावे हवा-हवाई हैं। जमीनी स्तर पर कुछ नहीं किया जा रहा है। सरकार को चाहिए कि दिल्ली की शिक्षा नीति पर सवाल खड़े करने से पहले अपने शैक्षणिक ढांचे को सुधारे।

खुद बीए पास भी नहीं हैं हरियाणा के शिक्षा मंत्री

अभय जैन ने बताया कि हरियाणा के शिक्षा मंत्री दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी नीतियों पर सवाल खड़ा करते हैं। हरियाणा में शैक्षिक ढांचे की बदहाल स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं। यहां तक कि वे स्वयं बीए पास भी नहीं हैं। उन्होंने अपने बायोडाटा में बीए सेकेंड ईयर तक ही खुद को शिक्षित बताया है।

Abhay Jain

Translated by Google 

Viral News – Abhay Jain – The government is talking about raising the level of education in Haryana, but the bitter truth is that 46,459 posts are lying vacant in 14,500 government schools, including more than 39,000 teachers. Are included. It is futile to expect the children to move forward in such a deplorable condition.

According to Aam Aadmi Party activist Abhay Jain Advocate and AAP’s South Haryana Legal Head Ashok Verma Advocate, there are a total of 25,000 schools including government and private schools in Haryana. Out of which 14 thousand 500 are government schools and about 10 thousand 500 are private schools.

He said that out of 32 percent vacant posts in government schools of the state, maximum posts of TGT (Trained Graduate Teacher) and PGT (Post Graduate Teacher) are vacant. Of these, 55 percent of TGT posts are vacant. The reality is also that there is a continuous increase in the vacant posts of teachers as compared to the sanctioned posts.

Due to non-recruitment of regular teachers, now after the teachers retiring from the schools, the condition of the educational structure is getting worse. Earlier, where the recruitment of teachers was done regularly through the Staff Selection Commission, now the government is trying to do it through its company Employment Skill Corporation. Means now the government is taking a step back from making regular recruitment even on important posts like teachers.

details of vacant posts

There are 1 lakh 37 thousand 895 posts of teaching and non-teaching posts in schools of the state, out of which 46 thousand 459 posts are lying vacant. 12 thousand 156 posts of guest teachers are included. Among the vacant posts, 398 posts of principals, 112 of head teachers, 13974 of PGT teachers, 20467 of TGT, 4846 of PRT, 6662 posts of Group D (sweepers, gardeners, watchmen etc.) are vacant.

In this way, a total of 46459 posts are lying vacant in the schools of Haryana. AAP workers Rustam Chauhan, Bhupendra Pahalwan, Dhirendra Dagar, Pramod Kataria, Gaurav Tank, Satish Pradhan, Dinesh Verma, Charan Singh Deva (Pradhan) etc. have said on the claims of strengthening the education policy and education structure of the government that these figures are Haryana I tell the reality of education policy.

All the claims of the government are empty. Nothing is being done at the ground level. The government should improve its educational structure before questioning the education policy of Delhi.

Haryana’s education minister himself is not even a BA pass

Abhay Jain told that the Education Minister of Haryana raises questions on Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal and his policies. He exaggerates the deplorable condition of the educational infrastructure in Haryana. Even he himself is not a BA pass. In his bio-data, he has declared himself educated only till BA second year.

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