गुरुग्राम: Advocate Pramod Saluja – पंचनद स्मारक ट्रस्ट के गुरुग्राम जिलाध्यक्ष, लायंस क्लब के रीजनल चेयरमैन, पतंजलि योगपीठ के संस्थापक सदस्य, सेठ गोपीचंद सलूजा मेमोरियल ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष, पोलारिस हॉस्पिटल के डायरेक्टर, ग्लोबल पंजाबी एसोसिएशन के हरियाणा प्रदेश संयोजक, भाजपा किसान मोर्चा हरियाणा के पूर्व प्रदेश सचिव, भारतीय खाद्य निगम संसदीय बोर्ड के पूर्व सदस्य एवं भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के गुरुग्राम जिला संयोजक एडवोकेट प्रमोद कुमार सलूजा ने भारतीय नौसेना दिवस पर नौसेना के सभी अधिकारियों और वीर जवानों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।
वहीं सभी अमर वीर शहीदों को नमन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना दिवस नौसेना की शक्ति, साहस और समर्पण का प्रतीक है। एडवोकेट प्रमोद सलूजा ने कहा कि भारतीय नौसेना दिवस हर वर्ष 4 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय नौसेना की वीरता, समर्पण और देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में उसकी भूमिका को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।
नौसेना दिवस हमें अपने सुरक्षा बलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके योगदान को समझने का अवसर प्रदान करता है। भारतीय नौसेना की इस भूमिका को सम्मानित करना हम सभी नागरिकों का कर्तव्य है। प्रमोद सलूजा ने कहा कि भारतीय नौसेना दिवस मनाने की शुरुआत मई 1972 में हुए एक वरिष्ठ नौसेना अधिकारी सम्मेलन में हुई।
इसी सम्मेलन में 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। 1971 में भारत-पाक के बीच युद्ध हुआ था। इस युद्ध में पाकिस्तान ने 3 दिसंबर को भारतीय हवाई अड्डे पर हमला कर दिया। पाकिस्तानी सेना के आक्रमण हमले का जवाब देते हुए भारतीय नौसेना ने 4 और 5 दिसंबर की रात हमले की योजना बनाई और ऑपरेशन ट्राइडेंट को अंजाम दिया।
इस दौरान सेना ने पाकिस्तानी नौसेना को भारी नुकसान पहुंचाया। नौसेना की उपलब्धि और प्रयासों को स्वीकार करते हुए 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। एडवोकेट प्रमोद सलूजा ने कहा कि भारतीय नौसेना 1612 में अस्तित्व में आई, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने रायल इंडियन नेवी नाम से नौसेना बनाई।
व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा के उद्देश्य से ईस्ट इंडिया कंपनी ने एक नौसैनिक दल का गठन किया। स्वतंत्रता के बाद 1950 में इसे भारतीय नौसेना के तौर पर पुनर्गठित किया गया। तभी से भारतीय नौसेना देश की सुरक्षा के लिए समर्पित होकर काम कर रही है।