गुरुग्राम: Advocate Pramod Saluja – पंचनद स्मारक ट्रस्ट के गुरुग्राम जिलाध्यक्ष, लायंस क्लब के रीजनल चेयरमैन, पतंजलि योगपीठ के संस्थापक सदस्य, सेठ गोपीचंद सलूजा मेमोरियल ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष, पोलारिस हॉस्पिटल के डायरेक्टर, ग्लोबल पंजाबी एसोसिएशन के हरियाणा प्रदेश संयोजक, भाजपा किसान मोर्चा हरियाणा के पूर्व प्रदेश सचिव, भारतीय खाद्य निगम संसदीय बोर्ड के पूर्व सदस्य एवं भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के गुरुग्राम जिला संयोजक एडवोकेट प्रमोद कुमार सलूजा ने कहा कि आलस्य और क्रोध मनुष्य के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं।
क्रोध हमेशा विवाद और नुकसान का कारण बनता है। यहां तक कि क्रोध जीवन को बर्बाद भी कर देता है। वहीं आलस्य हर काम में बाधक बनता है। इसलिए सफलता प्राप्त करने के लिए आलस्य का त्याग करना जरूरी है।
एडवोकेट प्रमोद सलूजा ने कहा कि यदि हम चाहते हैं कि सफलता के लिए बहुत अधिक प्रयास न करना पड़ें, तो हमें एक क्रम से यात्रा करनी चाहिए। सबसे पहले परिश्रम करना चाहिए।
एडवोकेट प्रमोद सलूजा ने कहा कि विशेष रूप से विद्यार्थियों को कभी आलस्य नहीं करना चाहिए। शिक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए आलस्य का त्याग करना जरूरी है। विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति एकाग्र होकर अपने पुरुषार्थ का परिचय देना चाहिए। शिक्षा को अपने नियंत्रण में रखना ही विद्यार्थियों का पुरुषार्थ होता है।
विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा को निखारना हो तो आलस्य छोड़ कर ध्यान के साथ पढ़ाई करनी चाहिए। एडवोकेट प्रमोद सलूजा ने कहा कि आलस्य करने वाले व्यक्ति को सफलता मिलने में बहुत लग जाता है। ऐसी भी नौबत आती है कि असफलता का मुंह भी देखना पड़ता है। इसलिए हम क्यों नहीं इसके प्रति सावधान रहें और आलस्य का त्याग कर सफलता की दिशा में संकल्पित होकर अपना कदम आगे बढ़ाएं।