Viral Sach : शुक्रवार को आर्य समाज मंदिर बसई की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित आर्य सत्संग में गुटका हवन पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख Naveen Goyal ने शिरकत की। इस आर्य समाज मंदिर बसई की स्थापना दादा बस्तीराम की अध्यक्षता में सन 1912 में महाशय जुगलाल बसई द्वारा की गई थी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में नवीन गोयल ने कहा कि आर्य समाज मंदिर 110 वर्षों से लोगो में धार्मिक वेदों का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। लोगों को कुरीतियों से दूर करके धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। श्री गोयल ने कहा कि आर्य समाज एक हिन्दू सुधार आन्दोलन है।
यह आंदोलन स्वामी दयानन्द सरस्वती ने 1875 में बंबई में मथुरा के स्वामी विरजानन्द की प्रेरणा से की थी। यह आंदोलन तब शुरू हुआ था, जब पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव बढऩा शुरू हुआ था। उसके जवाब में और हिंदू धर्म में सुधार के लिए इसकी शुरुआत की गई।
यह हम सब जानते हैं कि जब देश आजाद नहीं हुआ था, उस समय देश में कई बुराइयां और अन्य सामाजिक बुराइयां देश में फैली हुई थी। इन बुराइयों और कुरीतियों को दूर करने के लिए कई नेताओं ने तरह-तरह के आंदोलन चलाए, जिनका मकसद समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना था।
आर्य समाजी शुद्ध वैदिक परम्परा में विश्वास करते थे। इसमें छुआछूत व जातिगत भेदभाव का विरोध किया गया। स्त्रियों व शूद्रों को भी वेद पढऩे का अधिकार दिया गया था। आर्य समाज का आदर्श वाक्य है विश्व को आर्य बनाते चलो। आज के समय में आर्य समाज का काफी विस्तार हो रहा है। अपने कार्यक्रमों के माध्यम से आर्य समाजी समाज में सुधार लाने का काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर आर्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष कन्हैया लाल आर्य ने बताया कि आर्य समाज में सत्य को ग्रहण करने और असत्य को त्यागने के लिए सदा तत्पर रहने की प्रेरणा दी गई है। साथ ही उचित-अनुचित के विचार के बाद ही कार्य करना चाहिए।
हर किसी के प्रति प्रति न्याय, प्रेम और उसकी योग्यता के अनुसार व्यवहार करना चाहिए। ज्ञान की ज्योति फैलाकर अंधकार को दूर करना चाहिए। केवल अपनी उन्नति से संतुष्ट न होकर दूसरों की उन्नति के लिए भी यत्न करना चाहिए।
इस अवसर पर प्रधान हरिश्चंद्र, धर्मवीर, पूर्व पार्षद अटल, सरपंच रमेश, स्वामी जीवानंद, भजन उपदेशक सहदेव सिंह, विरेंद्र शर्मा, बाली पंडित, विजय वर्मा, गगन गोयल, अनिल नंबरदार, कपूर नंबरदार, तिलक शर्मा, नरेश कटारिया, टिंकू वर्मा, बलराम, दयानंद, वेदराम, राम सिंह प्रधान, जगवीर, रामचंद्र समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
Translated by Google
Viral Sach: Gutka Havan book was released in Arya Satsang organized on the 75th anniversary of Arya Samaj Mandir Basai on Friday. On this occasion, Environment Protection Department, BJP Haryana Chief Naveen Goyal attended as the chief guest. This Arya Samaj Mandir Basai was established by Mahasaya Jugalal Basai in the year 1912 under the chairmanship of Dada Bastiram.
In his address on the occasion, Naveen Goel said that Arya Samaj Mandir has been spreading the propagation of religious Vedas among the people for 110 years. Motivating people to take part in religious activities by doing away with evils. Shri Goyal said that Arya Samaj is a Hindu reform movement.
This movement was started by Swami Dayanand Saraswati in 1875 in Bombay with the inspiration of Swami Virjanand of Mathura. This movement started when the influence of western culture started increasing. It was started in response to that and to reform Hinduism.
We all know that when the country was not independent, at that time many evils and other social evils were spread in the country. To remove these evils and evils, many leaders started various movements, whose purpose was to remove the evils spread in the society.
The Arya Samajists believed in the pure Vedic tradition. It opposed untouchability and caste discrimination. Women and Shudras were also given the right to study the Vedas. The motto of Arya Samaj is to make the world Arya. In today’s time Arya Samaj is expanding a lot. Through its programs, Arya Samajis are working to bring reforms in the society.
On this occasion, Arya Samaj State President Kanhaiya Lal Arya said that Arya Samaj has been inspired to accept the truth and be always ready to renounce untruth. Also, work should be done only after considering right and wrong.
Everyone should be treated with justice, love and according to his ability. The darkness should be dispelled by spreading the light of knowledge. One should not only be satisfied with one’s own progress, but should also strive for the progress of others.
On this occasion Pradhan Harishchandra, Dharamveer, former councilor Atal, Sarpanch Ramesh, Swami Jivanand, Bhajan preacher Sahdev Singh, Virendra Sharma, Bali Pandit, Vijay Verma, Gagan Goyal, Anil Numberdar, Kapoor Numberdar, Tilak Sharma, Naresh Kataria, Tinku Verma, Many people including Balram, Dayanand, Vedram, Ram Singh Pradhan, Jagveer, Ramchandra were present.
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