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Bodhraj Sikri – राम भक्त श्री हनुमान जी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी हैं

bodhraj sikri

 

गुरुग्राम – Bodhraj Sikri – कल मंगलवार 28 मई को बोधराज सीकरी द्वारा चलायी जा रही मुहिम का आयोजन श्रीमती और श्री कृष्ण कुमार टुटेजा और उनके पुत्र और बहू श्रीमती और श्री नितिन टुटेजा जाने माने अधिवक्ता के राजीव चौक स्थित कार्यालय में आयोजित हुआ।

हनुमान चालीसा पाठ से पूर्व श्री गजेन्द्र गोसाई ने पंडित भीम दत्त की सहायता से श्री सुंदरकांड का पाठ संगीतमय तरीक़े से किया और तदोपरांत 11 बार हनुमान चालीसा पाठ का गायन किया। इस आयोजन में युवा अधिवक्ता आकर्षण का विशेष केंद्र रहे।

बोधराज सीकरी के कथानुसार आज के समाज में युवा की रुचि धर्म और अध्यात्म की ओर बढ़ रही है जो हमारे राष्ट्र को विश्व गुरु बनाने में सहायक सिद्ध होगा क्योंकि अध्यात्म से युवा संस्कारवान बनेगा और संस्कारवान युवा राष्ट्र हित को अग्रणी समझ कर जीवन में सकारात्मक निर्णय लेगा। यह एक अच्छा लक्षण है।

पंडित भीम दत्त ने विधिवत पूजा करवा शंखनाद कर श्री गजेन्द्र गोसाई को व्यास गद्दी पर पाठ प्रारंभ करने के लिए आमंत्रित किया जिन्होंने मंगलाचरण से प्रारंभ कर पहले सुंदर कांड पाठ और फिर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ संगीतमय तरीक़े से गायकी के माध्यम से गाया और साधकों के मन को रिझाया। सभी हनुमान चालीसा पाठ में मग्न थे। गजेंद्र गोसाई ने अंतिम चौपाई में संपुट लगाकर छोटे बड़े सभी को नृत्य के माध्यम से खड़ा किया और सारा का सारा प्रांगण नृत्यमय कर दिया।

इसके उपरांत बोधराज सीकरी ने युवा पीढ़ी की संख्या को देखते हुए उन्हें यह सिद्ध करने में अपना वक्तव्य दिया कि हनुमान जी से बड़ा कोई सर्वगुण संपन्न व्यक्तित्व नहीं है। उन्हें भगवान राम ने मात्र सीता की सुधि के लिए भेजा था परंतु सर्वगुण व्यक्तित्व के नाते उन्होंने सुरसा राक्षसी को अपना बल दिखाया, लंकनी राक्षसी पर प्रहार किया। पूरे राक्षसों के महलों का निरीक्षण किया।

विभीषण को मंत्रणा दी, माँ सीता को उनकी निशानी देकर अपना परिचय दिया कि मैं मात्र राम जी का दूत हूँ। अशोक वाटिका में फल खाए, बाग को उजाड़ फेंका, वहाँ पर पहरेदार राक्षसों को मारा, रावण के छोटे पुत्र अक्षय कुमार का वध किया, मेघनाद के आने पर जब उसने ब्रह्मास्त्र छोड़ा तो ब्रह्म जी का सम्मान किया, रावण के दरबार में अपने प्रभु राम का गुणगान किया।

रावण को माँ सीता को लौटाने की सलाह दी, जब रावण ने उनकी पूँछ को आग लगाने के आदेश दिये तो तेल भी रावण का, रूई कपड़े भी रावण के और पूरी लंका में आग भी लगा दी रावण की। अपने इष्ट का कुछ नहीं खर्च किया। उसके उपरांत माँ सीता से अजर अमर का वरदान पाना, चूड़ामणि निशानी के रूप में लेकर वापस समुद्र लांघ कर जाना यह सभी कार्य सर्वगुण व्यक्तित्व की भाँति किए।

कोई साधारण व्यक्ति होता तो सुधि लेकर वापस आ जाता परंतु हनुमान जी ने सिद्ध कर दिया : “विद्यावान गुणी अति चातुर”। इस प्रकार बोधराज सीकरी ने वहाँ बैठे युवा को शिक्षा दी कि मात्र एक साधारण व्यक्ति नहीं हमें राष्ट्र हित में चातुर और विद्यावान बनना होगा। आज का समय प्रतियोगिता का समय है।

मात्र साधारण योग्यता से बात नहीं बनेगी। हर व्यक्ति को अपने आपको गुणवान बनाना होगा। युवा को अपनी ऊर्जा का लाभ उठाना होगा। पाठ के उपरांत श्री नितिन टुटेजा ने अपने माता-पिता से आशीर्वाद लिया और अति सुंदर भोजन प्रसाद की व्यवस्था भी की।

पिछले सप्ताह तक 290 स्थानों पर 45,889 साधकों द्वारा 636,528 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं।

कल के पाठ में लगभग 130 भक्तों ने भाग लिया और सभी ने 11-11 बार पाठ किया। श्रीमती ज्योत्सना बजाज के ऑनलाइन हनुमान चालीसा के पाठ के आयोजन में 15 लोगों ने 11-11 बार पाठ किया। विजय टन्डन और श्री रणधीर टन्डन की फैक्ट्री के 62 कर्मचारियों ने 2-2 बार पाठ किया। जनता रिहैबिलिटेशन सेंटर में 40 विद्यार्थियों ने 21-21 बार पाठ किया। इसके अतिरिक्त जामपुर शिव मंदिर ईस्ट ऑफ कैलाश में 35 साधकों ने 5-5 बार हनुमान चालीसा पाठ किया।

इस प्रकार अब तक 295 स्थानों पर 46,171 साधकों द्वारा 639,262 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं।

इस आयोजन में डॉक्टर अलका शर्मा, सह संयोजिका माँ वैष्णोदेवी दरबार गढ़ी हरसरू की गरिमामई उपस्थिति रही।

हनुमान चालीसा पाठ में श्रीमती पुष्पा नासा, श्रीमती रचना बजाज, श्रीमती सिमरन बजाज, श्री रमेश कामरा, श्री किशोरी लाल डुडेजा, श्री रजिंदर बजाज, श्री राकेश गोसाई, श्री युधिष्ठिर अलमादी, श्री अश्वनी वर्मा, श्री द्वारिका नाथ मक्कड़, श्री राकेश खेत्रपाल वेद प्रकाश और राज कुमार उपस्थित रहे ।

अगला हनुमान चालीसा का पाठ मंगलवार 4 जून को शाम की बजाए प्रातः सात बजे न्यू कॉलोनी स्थित श्याम मंदिर में श्री दमन दीवान की ओर से आयोजित होगा।

Translated by Google

Gurugram – Yesterday, Tuesday 28 May, the campaign being run by Bodhraj Sikri was organized in the office of Mrs. and Mr. Krishna Kumar Tuteja and their son and daughter-in-law Mrs. and Mr. Nitin Tuteja, well-known advocates located at Rajiv Chowk.

Before Hanuman Chalisa Paath, Mr. Gajendra Gosai recited Sri Sunderkand in a musical way with the help of Pandit Bhim Dutt and thereafter sang Hanuman Chalisa Paath 11 times. Young advocates were the special center of attraction in this event.

According to Bodhraj Sikri, in today’s society, the interest of the youth is increasing towards religion and spirituality, which will prove to be helpful in making our nation a world leader because spirituality will make the youth cultured and the cultured youth will take positive decisions in life by considering the national interest as the foremost. This is a good sign.

Pandit Bhim Dutt performed the rituals and after blowing the conch invited Shri Gajendra Gosai to start the recitation on the Vyas Gaddi. He started with Mangalacharan and then first recited Sundar Kand and then sang Hanuman Chalisa 11 times in a musical way and charmed the minds of the devotees. Everyone was engrossed in Hanuman Chalisa recitation. Gajendra Gosai made everyone, young and old, stand up through dance by adding Samput in the last chaupai and made the whole courtyard dance.

After this, Bodhraj Sikri, seeing the number of the young generation, gave his speech to prove to them that there is no personality greater than Hanuman Ji who has all the virtues. Lord Rama had sent him only to take care of Sita but being a personality with all virtues, he showed his strength to the demoness Surasa, attacked the demoness Lankani. He inspected all the palaces of the demons.

He gave advice to Vibhishan, introduced himself to mother Sita by giving her a token that he was only the messenger of Ram Ji. He ate fruits in Ashok Vatika, destroyed the garden, killed the demons guarding there, killed Ravana’s younger son Akshay Kumar, respected Brahma Ji when Meghnad came and fired Brahmastra, praised his Lord Ram in Ravana’s court.

He advised Ravana to return Mother Sita, when Ravana ordered to set his tail on fire, he used Ravana’s oil, his cotton and clothes and set fire to the entire Lanka. He did not spend anything of his choice. After that, he got the boon of immortality from Mother Sita, crossed the ocean and returned with Chudamani as a token, all these tasks were done like a personality with all qualities.

If he would have been an ordinary person, he would have come back after getting his senses but Hanuman Ji proved: “Knowledgeable and talented, very clever”. In this way, Bodhraj Sikri taught the youth sitting there that we should not be just ordinary people, we have to become clever and knowledgeable for the benefit of the nation. Today’s time is a time of competition.

Mere ordinary ability will not help. Every person has to make himself virtuous. The youth has to take advantage of his energy. After the recitation, Shri Nitin Tuteja took blessings from his parents and also arranged for a very delicious food prasad.

Till last week, 636,528 Hanuman Chalisa recitations have been done by 45,889 devotees at 290 places.

About 130 devotees participated in yesterday’s recitation and all of them recited 11 times each. In the online Hanuman Chalisa recitation organized by Mrs. Jyotsna Bajaj, 15 people recited 11 times each. 62 employees of Vijay Tandon and Shri Randhir Tandon’s factory recited 2 times each. 40 students recited 21 times each at Janta Rehabilitation Center. Apart from this, 35 devotees recited Hanuman Chalisa 5 times each at Jampur Shiv Mandir East of Kailash.

Thus, till now 639,262 Hanuman Chalisa recitations have been done by 46,171 devotees at 295 places.

Dr. Alka Sharma, Co-convenor Maa Vaishnodevi Darbar Garhi Harsaru was present in this event.

Mrs. Pushpa Nasa, Mrs. Rachna Bajaj, Mrs. Simran Bajaj, Mr. Ramesh Kamra, Mr. Kishori Lal Dudeja, Mr. Rajinder Bajaj, Mr. Rakesh Gosai, Mr. Yudhishthir Almadi, Mr. Ashwani Verma, Mr. Dwarika Nath Makkar, Mr. Rakesh Khetrapal Ved Prakash and Raj Kumar were present in the Hanuman Chalisa recitation.

The next Hanuman Chalisa recitation will be organized by Mr. Daman Diwan at Shyam Mandir in New Colony on Tuesday, June 4 at 7 am instead of evening.

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