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Bodhraj Sikri द्वारा प्रारम्भ की गई हनुमान चालीसा पाठ का आंकड़ा हुआ 265000 पार

bodhraj sikri

Viral Sach : Bodhraj Sikri – मंगलवार हनुमान मंदिर, मदनपुरी में हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन हुआ, उसके यजमान थे श्रीमती और श्री डॉ. परमेश्वर अरोड़ा। श्री गजेंद्र गोसाई ने विधिवत ब्राह्मण देवता से पूजन करवा हनुमान चालीसा पाठ का संगीतमय माध्यम से शुभारंभ किया।

प्रायः सवा घंटे के अंदर 21 बार पाठ करते हैं परंतु कल लोगों के उत्साह, जनसमूह और इतनी अधिक संख्या को देखते हुए गोसाई जी ने सम्पुट लगाकर के इस कार्यक्रम को पौने 2 घंटे में पूरा किया। अभी तक 41 बैठक हनुमान चालीसा पाठ की हो चुकी है। ये 42 वीं बैठक थी। लगभग साढ़े 5 माह पूर्व इस मुहिम का शुभारंभ एक छोटे से बीज से अंकुरित हुआ था।

जो प्रतिदिन वटवृक्ष का रूप धारण करता जा रहा है। कल 500 से अधिक लोगों ने 21-21 बार पाठ कर 10 हजार से ऊपर कुल पाठ किए और 2 लाख 55 हजार का पिछले सप्ताह का जो आंकड़ा था उसको इसके साथ सम्मिलित किया जाए तो 2 लाख 65 हजार से अधिक पाठ अभी तक हो चुके हैं और इसमें 16 हजार से अधिक लोग अभी तक जुड़ चुके हैं।

हनुमान चालीसा पाठ के बाद बोधराज सीकरी ने अपने वक्तव्य में एक नया रहस्य खोला कि द्वापर युग में हनुमान जी ने अपनी कैसे भगवान कृष्ण की स्तुति जो उनके आराध्य हैं त्रेता युग से जो उनके इष्टदेव हैं किस प्रकार महाभारत के युद्ध में अर्जुन की सहायता करी।

किस प्रकार ध्वज के ऊपर बैठकर के गीतोपदेश सुना और बोधराज सीकरी जी ने तो यहां तक भी कहा कि अर्जुन के विषाद का गीतोपदेश से मिटाना एक बहाना था वास्तव में गीता उपदेश हनुमान जी को सुनाना था। यद्यपि संजय ने भी गीतोपदेश सुना , धृतराष्ट्र ने भी सुना। जो रथ के अंदर घोड़े जुड़े थे उन्होंने भी सुना, जितने भी महाभारत के युद्ध के मैदान में योद्धा थे उन्होंने भी सुना।

लेकिन वास्तव श्रोता जो थे वो थे अर्जुन और हनुमान जी। इस प्रकार युद्ध के दौरान हनुमान जी का सहयोग और किस प्रकार उन्होंने सत्संग के माध्यम से अपनी प्रभु के प्रति, अपने इष्टदेव के प्रति उद्गार उत्पन्न किये। अलग-अलग उदाहरण देकर बोधराज सीकरी ने 500 से अधिक बैठी संगत का हृदय जीत लिया। क्योंकि :

बिनु सत्संग विवेक न होई।
रामकृपा बिनु सुलभ न सोई।।

तदोपरांत अंत में डॉ. परमेश्वर अरोड़ा जो यजमान थे, उन्होंने भी अपने ज्ञान के तरकश निकालकर महाभारत के कुछ उद्धरण प्रस्तुत कर लोगो के मन को जीत लिया। उनकी से भव्य भंडारे का आयोजन था और पूरा हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं और भक्तों से खचाखच भरा हुआ था। परंतु विशेष बात यह है कि रामलाल ग्रोवर जो उस मंदिर के प्रधान है उनकी अगुवाई में महावीर दल जो वहां पर सेवा करते हैं, उन्होंने जिस अनुशासन की प्रस्तुति प्रस्तुत की वो सराहनीय है।

इस कार्यक्रम में मुख्य रुप से समाजसेवी, धार्मिक व्यक्ति, सनातन धर्म सभा के पदाधिकारी, पंजाबी बिरादरी महासंगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी व अन्य समुदाय के लोग भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम डॉ. परमेश्वर अरोड़ा, डॉ. गीतांजलि अरोड़ा, गजेन्द्र गोसाईं, रमेश कामरा, धर्मेंद्र बजाज, ओम प्रकाश कालरा, द्वारका नाथ मक्कड़, राम लाल ग्रोवर, उमेश ग्रोवर, किशोर लाल डुडेजा, रमेश कालड़ा, सुभाष गांधी, रवि मनोचा, युधिष्ठिर अलामादी, राजपाल आहूजा, अनिल कुमार, लीलाधर, रमेश मुंजाल, डॉ.अलका शर्मा, ज्योत्सना बजाज, रचना बजाज, मीनाक्षी मुंजाल, नरेन्द्र कथुरिया, सुरेन्द्र बरेजा, सतपाल नासा, पुष्पा नासा, सी.बी.मनचन्दा, राज कुमार जुनेजा, सुरेन्द्र खुल्लर, उदय भान ग्रोवर, रवीन्द्र खुल्लर, सुरेंद्र बजाज, राकेश गोसाई, राजेन्द्र, वीणा अरोड़ा, श्रीमती व श्री कपूर, मीनाक्षी मुंजाल, दलीप लूथरा, मोहिंदर सेठी, एस. पी अग्रवाल उपस्थित रहे।

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Viral Sach: Hanuman Chalisa recitation was organized at Hanuman Mandir, Madanpuri on Tuesday, its hosts were Mrs. and Mr. Dr. Parmeshwar Arora. Mr. Gajendra Gosai started the recitation of Hanuman Chalisa by duly worshiping the Brahmin deity through musical medium.

Usually recite 21 times within a quarter of an hour, but yesterday, seeing the enthusiasm of the people, the crowd and such a large number, Gosai ji completed this program in two and a quarter hours by putting a cover. So far 41 meetings of Hanuman Chalisa recitation have been held. This was the 42nd meeting. About 5 and a half months ago, the launch of this campaign was sprouted from a small seed.

Which is taking the form of a banyan tree everyday. Yesterday more than 500 people recited 21-21 times and recited above 10 thousand in total and if the last week’s figure of 2 lakh 55 thousand is included with it, then more than 2 lakh 65 thousand lessons have been done so far. And more than 16 thousand people have joined it so far.

After recitation of Hanuman Chalisa, Bodhraj Sikri revealed a new mystery in his statement that how in Dwapar Yuga Hanuman ji helped Arjuna in the war of Mahabharata by praising Lord Krishna who is his deity and from Treta Yuga who is his presiding deity.

How he listened to the sermon sitting on the flag and Bodhraj Sikri even said that it was an excuse to remove Arjuna’s sadness from the sermon, in fact Hanuman ji had to recite the sermon of Gita. Although Sanjay also heard the sermon, Dhritarashtra also heard it. The horses attached inside the chariot also heard, all the warriors in the battlefield of Mahabharata also heard.

But the real listeners were Arjun and Hanuman ji. In this way, Hanuman ji’s cooperation during the war and how he generated praises towards his Lord, his presiding deity through satsang. By giving different examples, Bodhraj Sikri won the hearts of more than 500 sitting Sangat. Because :

There is no discretion without satsang.
Ramkripa Binu Sulabh did not sleep.

After that, in the end, Dr. Parmeshwar Arora, who was the host, also took out the quiver of his knowledge and presented some quotes from Mahabharata and won the hearts of the people. A grand bhandara was organized for him and the entire Hanuman temple was packed with devotees and devotees. But the special thing is that the discipline presented by the Mahavir Dal, who serves there under the leadership of Ramlal Grover, who is the head of that temple, is commendable.

Social workers, religious persons, officials of Sanatan Dharma Sabha, senior officials of Punjabi Biradari Mahasangathan and people from other communities were also present in this programme.

Program Dr. Parmeshwar Arora, Dr. Geetanjali Arora, Gajendra Gosain, Ramesh Kamra, Dharmendra Bajaj, Om Prakash Kalra, Dwarka Nath Makkar, Ram Lal Grover, Umesh Grover, Kishore Lal Dudeja, Ramesh Kalda, Subhash Gandhi, Ravi Manocha, Yudhishthir Alamadi , Rajpal Ahuja, Anil Kumar, Leeladhar, Ramesh Munjal, Dr.Alka Sharma, Jyotsna Bajaj, Rachna Bajaj, Meenakshi Munjal, Narendra Kathuria, Surendra Bareja, Satpal Nasa, Pushpa Nasa, C.B.Manchanda, Raj Kumar Juneja, Surendra Khullar , Uday Bhan Grover, Ravindra Khullar, Surendra Bajaj, Rakesh Gosai, Rajendra, Veena Arora, Mrs. and Mr. Kapoor, Meenakshi Munjal, Dalip Luthra, Mohinder Sethi, S. P Aggarwal were present.

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