Viral Sach – गुरुग्राम। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आमजन को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने में अग्रणी संस्था Canwinn Foundation ने फिर एक ऐसे बच्चे के लिए 17.5 करोड़ रुपये का फंड जुटाने का गुरुग्राम समेत देश की जनता का आह्वान किया है कि बच्चे का जीवन बचाने को अपनी नेक कमाई से कुछ दान दें।
पहले इस टीके की कीमत 16 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़ गई है। इससे पहले भी गुरुग्राम के अयांश नामक बच्चे को 16 करोड़ रुपये का टीका लगाने की मुहिम की शुरुआत की थी और सफलता मिली।
शुक्रवार को यहां न्यू रेलवे रोड स्थित कैनविन टावर में पत्रकार वार्ता में कहा कि नजफगढ़ के नंगली निवासी अमित एवं गरिमा का बेटा कनव जांगड़ा स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी (एसएमए) नामक बीमारी से पीडि़त है।
यह बीमारी एक तरह से माता-पिता से ही बच्चों में आती है। बीमारी जानलेवा भी है और बीमारी का उपचार भी महंगा है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी में बच्चे की दो साल की उम्र तक एक ही टीका लगाया जाता है।
इस टीके की कीमत अब 17.5 करोड़ रुपये है। हालांकि वर्तमान में इसकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये बढ़ चुकी है। डा. डीपी गोयल ने कहा कि क्राउड फंडिंग जुटाने वाली सोशल साइट इम्पेक्ट गुरू डॉट कॉम के माध्यम से यह रकम जुटाई जा रही है।
उन्होंने गुरुग्राम समेत देश के नागरिकों से अपील की है कि वे इस नेक कार्य में अपना सहयोग दें, ताकि बच्चे का जीवन बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस फंडिंग के लिए विधायकों, सांसदों, मंत्रियों को भी पत्र लिखकर डोनेशन करने का अनुरोध किया जाएगा।
कैनविन फाउंडेशन आमजन की सेहत के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। गुरुग्राम में रोजाना हजारों लोग कैनविन की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
देशवासी दान देकर कनव का जीवन बचाएं: नवीन गोयल
कैनविन फाउंडेशन के सह-संस्थापक नवीन गोयल ने भी आमजन से दान की अपील करते हुए कहा है कि कनव के माता-पिता की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इतनी बड़ी रकम का टीका खरीद सके। ऐसे में यह टीका देश के लोगों द्वारा दिए गए दान पर ही निर्भर है।
क्राउड फंडिंग के जरिये यह रकम इकट्ठी होगी, जिसे टीका बनाने वाली अमेरिका की कंपनी को भेजा जाएगा। बच्चे के लिए दान की अपील करने के दौरान समाजसेवी गगन गोयल, बाली पंडित, विजय वर्मा, कर्म सिंह गिल, रामफल बंसल, जोगेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।
हर 5000 बच्चों में एक को एसएमए : डा. जैन
इस बीमारी को लेकर चाइल्ड न्यूरोलॉजिस्ट डा. राकेश जैन ने बताया कि यह बीमारी हर 5000 बच्चों में से एक को होती है। बीमारी का उपचार बच्चे की उम्र से दो साल के भीतर ही किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बेशक यह बीमारी गंभीर है, लेकिन इसका एक अच्छा प्वायंट है कि यह बच्चे के दिमाग को प्रभावित नहीं करती। सिर्फ मसल्स पर ही इसका प्रभाव पड़ता है और बच्चे का शारीरिक विकास नहीं हो पाता। वह बैठ नहीं पाता।
उन्होंने कहा कि इस बीमारी के लिए अगर गर्भावस्था में ही पता चल जाए सही है। मात्र दो-तीन हजार रुपये में इसकी जांच की जा सकती है। उन्होंने कहा कि 17.5 करोड़ रुपये का टीका लगने के बाद भी दवा का असर धीरे-धीरे होता है।
करीब दो साल में जाकर बच्चा शारीरिक रूप से स्वस्थ हो पाता है। सामाजिक कार्यकर्ता आशा गगन गोयल ने कहा कि हमारे देश में दानियों की कोई कमी नहीं है। धर्म-कर्म के नाम पर हम सब बहुत दान करते हैं।
ऐसे बच्चों की बीमारी का उपचार कराने के लिए भी दानियों को आगे आना चाहिए, ताकि इनका जीवन बचाया जा सके। कनव के उपचार के लिए 100-100 रुपये का भी सहयोग देंगे तो भी इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
कनव के माता-पिता की भावुक अपील
बच्चे के माता-पिता अमित एवं गरिमा ने कनव का जीवन बचाने के लिए भावुक अपील करते हुए देशवासियों को दान देने का निवेदन किया है। उन्होंने बताया कि अभी तक क्राउड फंडिंग के जरिये 75 लाख रुपये इकट्ठे हो चुके हैं।
इम्पेक्ट गुरू डॉट कॉम पर ऑनलाइन इसकी जांच भी की जा सकती है। जो भी कोई व्यक्ति डोनेशन करता है, उसका ब्यौरा इस पर उपलब्ध होता है। उन्होंने गुहार लगाई है कि कनव का जीवन बचाने के लिए अपनी नेक कमाई में से दान करें।
Translated by Google
Viral News – Gurugram. Canwinn Foundation, a leading organization in providing better facilities to the general public in the field of health, has once again called upon the people of Gurugram and the people of the country to raise a fund of Rs 17.5 crores for such a child, that donate some of their hard earned money to save the child’s life. Give
Earlier the cost of this vaccine was Rs 16 crore, which has now increased. Even before this, a campaign to vaccinate a child named Ayansh of Gurugram worth Rs 16 crore was started and it was successful.
In a press conference on Friday at Canwinn Tower, New Railway Road, it was said that Kanav Jangra, son of Amit and Garima, residents of Nangli, Najafgarh, is suffering from a disease called Spinal Muscular Atrophy (SMA).
In a way, this disease comes from parents to children. The disease is also fatal and the treatment of the disease is also expensive. He said that in this disease only one vaccine is given till the age of two years of the child.
The cost of this vaccine is now Rs 17.5 crore. Although at present its price has increased by about one and a half crore rupees. Dr. DP Goyal said that this amount is being raised through impact guru.com, a social site that collects crowd funding.
He has appealed to the citizens of Gurgaon and the country to cooperate in this noble cause so that the life of the child can be saved. He said that for this funding, MLAs, MPs, ministers will also be requested to donate by writing letters.
Canwinn Foundation is working at the grassroots level for the health of the common man. Thousands of people in Gurugram are availing health services of Canwinn daily.
Save Kanav’s life by donating: Naveen Goyal
Naveen Goyal, co-founder of Kanvin Foundation, has also appealed to the general public to donate, saying that the financial condition of Kanav’s parents is not such that they can buy such a huge amount of vaccine. In such a situation, this vaccine depends only on the donations given by the people of the country.
This amount will be collected through crowd funding, which will be sent to the US company making the vaccine. Social workers Gagan Goyal, Bali Pandit, Vijay Verma, Karm Singh Gill, Ramphal Bansal, Jogendra Kumar etc. were present during the appeal for donation for the child.
SMA to one in every 5000 children: Dr. Jain
Regarding this disease, child neurologist Dr. Rakesh Jain said that this disease occurs in one out of every 5000 children. The disease can be treated only within two years of the child’s age.
He said that no doubt this disease is serious, but it has a good point that it does not affect the mind of the child. It affects only the muscles and the physical development of the child does not take place. He can’t sit.
He said that it is right for this disease if it is known in pregnancy itself. It can be tested for only two to three thousand rupees. He said that even after getting a vaccine worth Rs 17.5 crore, the effect of the medicine is slow.
After about two years, the child becomes physically healthy. Social activist Asha Gagan Goyal said that there is no dearth of donors in our country. We all donate a lot in the name of religious deeds.
Donors should also come forward to provide treatment for the diseases of such children, so that their lives can be saved. Even if we contribute Rs 100-100 for the treatment of Kanav, this goal can be achieved.
Emotional appeal by Kanav’s parents
Child’s parents Amit and Garima have made a passionate appeal to save Kanav’s life and requested the countrymen to donate. He told that so far Rs 75 lakh has been collected through crowd funding.
It can also be checked online at impactguru.com. The details of any person who donates are available on this. He has requested to donate from his pious earnings to save Kanav’s life.
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