Viral Sach : आज महिलएं लगभग हर क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी बेहतरीन भूमिका निभा रही हैं। भारत में महिलाओं की स्थिति सदैव एक समान नहीं रही है। इसमें युगानुरूप परिवर्तन होते रहे हैं। उनकी स्थिति में वैदिक युग से लेकर आधुनिक काल तक अनेक उतार – चढ़ाव आते रहे हैं तथा उनके अधिकारों में उसी अनुरूप बदलाव भी होते रहे हैं। बदलाव के काल में, ऐसे दौर भी आये, जब महिलाओं को तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरुतियाँ और अशिक्षा ने महिलाओं को कभी आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया। हरियाणा जैसा राज्य लिंगानुपात को लेकर पुरे देश में जाना जाता रहा है कि यहाँ पुरुष और महिलाओं के अनुपात में भारी कमी है। पुरुषों की संख्या के मुकाबले महिलाओं की संख्या में बहुत कमी थी। जो अब धीरे-धीरे सकारात्मक बदलाव की ओर आगे बढ़ रहा है। देश की सरकारों ने इस विषय पर गंभीरता से अनेक कानून बनाये जो लड़कियों के पैदा होने से लेकर उनके बड़े होने तक उनके अधिकारों की रक्षा कर सके। भारतीय समाज बहुत जटिल समाज है और विविधताओं से भरा हुआ है इसलिए किसी न किसी रूप में महिलाओं पर पाबंदियां लगायी जाती रही हैं। अब यह माहौल बदल रहा है, धीरे धीरे ही सही समाज में महिलाओं के प्रति सोच में बदलाव आना शुरू हो गया है। फिर भी अभी ऐसे समय का इंतजार है जब महिलाओं को पूरी आज़ादी मिल सके और वे पुरुषों की तरह अपने सपनों की उड़ान भर सकें। देश की महिलाओं को सशक्त बनाने और जागरूकता बढ़ाने वाले इस खास दिन 8 मार्च को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जाता है।
ऐसी ही सशक्त महिलाओं की एक हस्ताक्षर है एम3एम फाउंडेशन की ट्रस्टी डॉ. पायल कनोडिया, जो खुद को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत तो करती ही हैं, साथ ही समाज की उन महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी कार्य करती हैं जो गरीब और वंचित हैं। फाउंडेशन के माध्यम से वह कौशल आधारित प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने तथा जॉब के लिए तैयार करने में उनका समर्थन करने के लिए अपने आईएमपॉवर कार्यक्रम में निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाती हैं।
डॉ. पायल कनोडिया, एक केटलबेल स्पोर्ट्स खिलाड़ी हैं तथा अक्तूबर-2021 में हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित केटलबेल स्पोट्र्स वर्ल्ड चैपियनशिप-2021 में हरियाणा के खिलाड़ी के रूप में रजत पदक जीतकर हरियाणा राज्य और देश का नाम रोशन किया है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बात करते हुये एम3एम फाउंडेशन की ट्रस्टी, डॉ पायल कनोडिया ने कहा, “ जब परिवार और समाज में महिलाएं सशक्त बनेंगी तो देश सशक्त बनेगा। मै स्वयं एक महिला हूँ और मै चाहती हूँ की देश की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आयें और देश का नाम रोशन करें। प्राचीन काल से ही हमारे समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, और आज महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही रक्षा क्षेत्र में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इन्हें सशक्त बनाने के लिए सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है। केंद्र सरकार की पहल प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और प्रधानमंत्री शौचालय योजना ने ग्रामीण भारत की महिलाओं को सशक्त बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए अब अनेक सुविधाओं द्वारा सरकार की पहल बहुत प्रशंसनीय है।”
एम3एम फाउंडेशन, एम3एम ग्रुप की परोपकारी शाखा, एक उज्जवल भारत के सपने के साथ, समान विकास लाने की दिशा में काम कर रहा है। शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और सामाजिक-आर्थिक विकास इसके प्रमुख क्षेत्र हैं। फाउंडेशन एक आत्मनिर्भर कार्यक्रम विकसित करके सामाजिक मुद्दों के समाधान के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण अपनाने में विश्वास करता है।
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