Gurugram

Manav Awaaz Sanstha ने पर्वतारोही रीना भट्टी का किया सम्मान

Manav Awaaz Sanstha

 

Viral Sach – गुरुग्राम। Manav Awaaz Sanstha – हरियाणा की होनहार और मजबूत इरादों वाली बेटी रीना भट्टी ने एक बार फिर से अपने प्रदेश का मान बढ़ाया है। रीना भट्टी ने पहले तो साउथ अफ्रीका की किलिमंजारो चोटी फतह की थी, अब मात्र 24 घंटे में माउंट एल्बु्रस चोटी को फतह करके इतिहास रचा है। ऐसा करने वाली रीना पहली भारतीय महिला बन गई हैं।

माउंट एवरेस्ट की यात्रा शुरू करने से पहले रीना भट्टी (32) का यहां होटल कोरस इन में मानव आवाज संस्था की ओर से स्वागत करते हुए उन्हें इस सफर पर सफल होने की शुभकामनाएं दी।

मानव आवाज संस्था के संयोजक अभय जैन एडवोकेट, समाजसेवी हेमंत वशिष्ठ, सेवानिवृत आईआरएस कल्याण शर्मा समेत अनेक गणमान्य लोगों ने रीना भट्टी का स्वागत किया और उन्हें गुरुग्राम के मौजिज लोगों से रूबरू कराया। रीना भट्टी को मदद करने वाली संस्था वी-टू गेदर से प्रदीप ने रीना की पहले की कामयाबी को सराहा और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

इस दौरान अपनी यात्रा के संस्मरणों को सांझा करते हुए रीना भट्टी ने कहा कि वर्ष 2019 में उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। हरियाणा के हिसार जिला के गांव बालक में जन्मीं रीना के पिता ट्रैक्टर मैकेनिक हैं। इसी काम के चलते परिवार को हिसार शहर में शिफ्ट होना पड़ा। चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी रीना ने अपनी पढ़ाई के साथ जॉब भी की, ताकि परिवार की आर्थिक रूप से मदद की जा सके।

स्कूल समय में आठवीं कक्षा तक वे कबड्डी की खिलाड़ी रहीं। रीना कहती हैं कि जीवन की जद्दोजहद के बीच उनकी खिलाड़ी वाली भावनाएं दबती जा रही थी। साथ ही वे इस सोच को बदल देना चाहती थी कि किसी परिवार में जब बेटी का जन्म होता है और परिवार मासूसी से कहता है कि-लड़की हुई है। उसे यह टैग लाइन एक तरह से चुभती थी।

सोच और विचारों में खोई रीना ने बताया कि उसकी एक दोस्त ने कहीं बाहर जाने की प्लानिंग की और वे अमरनाथ यात्रा पर निकल गई। परिवार की अनुमति से तीन बार अमरनाथ यात्रा उन्होंने की। यात्रा की अनुमति देते हुए उनके पिता ने कहा था-अपना ध्यान रखना। पिता के ये शब्द रीना को आज भी हूबहू याद हैं और वे पिता की उस फिलिंग का सदा सम्मान करती है।

रीना भट्टी ने बताया कि ट्रैकिंग की शुरुआत उसने लद्दाख में चादर ट्रैक से की। चादर ट्रैक मतलब माइनस तापमान में नदी के पानी की जमीं हुई बर्फ पर ट्रैकिंग करना होता है। उसमें सफलता हासिल की। पर्वतारोही का बेसिक कोर्स किया। तकनीकी चीजों को समझा। एडवांस कोर्स भी किया। इस दौरान माउंट एवरेस्ट के बारे में भी पढ़ा-जाना। इसके बाद रीना ने साउथ अफ्रीका में माउंट किलिमंजारो की चोटी पर चढ़ाई की। इसमें उसका 2.5 लाख रुपये खर्चा आया। यह यात्रा उसने नवंबर 2019 में की थी।

रीना का कहना है कि बेशक हम अपने देश में अपने तिरंगे को कितना भी सम्मान देते हों, लेकिन दूसरे देश में जाकर तिरंगा फहराने का अनुभव, खुश, जोश और जुनून अलग ही होता है। यह उसने माउंट किलिमंजारों में तिरंगा फहराकर महसूस किया। कोविड और उसके बाद तो स्थितियां सबकी ही खराब हो चुकी थी। वह खुद भी थक चुकी थी।

कोविड में हिसार में लोगों की सेवा की। इसके बाद मदर्स डे पर उसने माओं को समर्पित 105 किलोमीटर की साइकिलिंग की। फिर वर्ष 2021 में 7000 किलोमीटर की चढ़ाई की। वर्ष 2022 में रीना भट्टी ने 8 चढ़ाई चढ़ी, इसमें उन्होंने रिकॉर्ड बनाए। एक राज्य स्तर पर 6000 मीटर 70 घंटे में दो चढ़ाई करके रिकॉर्ड शामिल है। दूसरा रिकॉर्ड राष्ट्रीय स्तर का है।

मात्र 24 घंटे में रीना ने माउंट एल्बु्रस चोटी को फतह करने वाली रीना पहली भारतीय महिला बन गई हैं। रीना कहती हैं कि उनकी यह यात्रा व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि हर उस व्यक्ति की है, जिसने उसे इस मुकाम तक पहुंचाने में मदद की। देश की हर महिला को समर्पित यह यात्रा है। अपनी यात्रा के संस्मरणों को सांझा करने के बाद गुरू द्रोण की नगरी गुरुग्राम से शुभकामनाओं की गठरी लेकर रीना भट्टी अब माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए रवाना हो गई है।

Translated by Google 

Viral News – Gurugram. Haryana’s promising and strong-willed daughter Reena Bhatti has once again raised the prestige of her state. Reena Bhatti had earlier scaled Mount Kilimanjaro in South Africa, now has created history by scaling Mount Elbrus in just 24 hours. Reena has become the first Indian woman to do so.

Before starting the journey of Mount Everest, Reena Bhatti (32) was welcomed by Manav Awaz Sanstha at Hotel Corus Inn here and wished her success in this journey.

Many dignitaries including Manav Awaaz Sanstha’s convener Abhay Jain Advocate, social worker Hemant Vashisht, retired IRS Kalyan Sharma welcomed Reena Bhatti and introduced her to the happy people of Gurugram. Pradeep from V-2 Gather, an organization helping Reena Bhatti, appreciated Reena’s past success and wished her all the best for the future.

During this, while sharing the memories of her journey, Reena Bhatti said that in the year 2019, she started her journey. Born in village Balak in Hisar district of Haryana, Reena’s father is a tractor mechanic. Due to this work, the family had to shift to Hisar city. Reena, the eldest of four siblings, did a job along with her studies to help the family financially.

She was a Kabaddi player in school till eighth grade. Reena says that in the midst of life’s struggle, her sportsman’s feelings were getting suppressed. At the same time, she wanted to change the thinking that when a daughter is born in a family and the family tells the maternal uncle that it is a girl child. He liked this tag line in a way.

Lost in thought and thoughts, Reena told that one of her friends had planned to go out somewhere and she went on Amarnath Yatra. With the permission of the family, he did the Amarnath Yatra three times. While giving permission for the journey, his father had said – take care of yourself. Reena remembers these words of her father even today and she always respects that feeling of her father.

Reena Bhatti told that she started trekking with the Chadar track in Ladakh. Chadar track means trekking on frozen ice of river water in minus temperature. Got success in that. Did the basic course of mountaineer. Understand technical things. Did advanced course also. During this, also read about Mount Everest. After this Reena climbed the top of Mount Kilimanjaro in South Africa. It cost him Rs 2.5 lakh. He did this trip in November 2019.

Reena says that no matter how much respect we give to our tricolor in our country, but the experience, happiness, enthusiasm and passion of hoisting the tricolor in another country is different. He realized this by hoisting the tricolor on Mount Kilimanjaro. Everyone’s condition had worsened after Covid and after that. She herself was tired.

Served people in Hisar in Kovid. After this, on Mother’s Day, he cycled 105 kilometers dedicated to mothers. Then in the year 2021 climbed 7000 kms. In the year 2022, Reena Bhatti made 8 climbs, in which she made records. Includes a state level record of 6000 meters by climbing two in 70 hours. The second record is of national level.

Reena has become the first Indian woman to scale Mount Elbrus peak in just 24 hours. Reena says that her journey is not personal, but of everyone who has helped her reach this point. This journey is dedicated to every woman of the country. After sharing the reminiscences of her journey, Reena Bhatti has now left for Mount Everest with a bundle of wishes from Gurugram, the city of Guru Drona.

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