Viral Sach – Mayor Election – गुरुग्राम नगर निगम के आगामी चुनावों को लेकर राजनितिक गलियारों में चर्चाएं तेज होने लगी है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति यह जानने का इच्छुक रहता है की प्रदेश की सबसे रईस निगम के मेयर के संभावित उम्मीदवार कौन हैं। क्यूंकि प्रदेश के विकास में गुरुग्राम का बहुत अहम स्थान है। आज हम आपको बताना चाहेंगे कि अभी तक की ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार कौन कौन से उम्मीदवार गुरुग्राम मेयर चुनाव का चेहरा हो सकते हैं।
सबसे पहले सत्ताधारी पार्टी की बात करें तो इस बार बीजेपी ने संगठन में विस्तार करते हुए लगभग 500 लोगों को छोटे बड़े पदों का आवंटन किया है। जिससे की किसी भी पद पर बैठा व्यक्ति कहीं न कहीं स्वयं को आगामी पार्षद के चुनावों में पार्टी की टिकट का दावेदार समझ रहा है।
लेकिन राजनीति में अक्सर ऐसा नहीं होता। मेयर चुनावों में बीजेपी के संभावित चेहरों की बात की जाये तो बोधराज सीकरी, गार्गी कक्क्ड़ और जीएल शर्मा का नाम ही सामने आ रहा हैं। सबसे पहले बोधराज सीकरी के बारे में आपको बता दें की सीकरी पंजाबी बिरादरी से संबंध रखते हैं। एक सफल उद्योगपति भी हैं। पिछले लम्बे अरसे से गुरुग्राम की अनेक सामजिक संस्थाओं के साथ मिलकर समाजसेवा के कार्यों में जुटे हुए हैं।
कोरोना काल में भी सीएम के दिशा निर्देशन में लगातार लोगों की मदद की, जिसके बाद भाजपा द्वारा प्रदेश कोविड वॉलंटियर कमेटी का सदस्य बनाया गया। भारतीय जनता पार्टी में भी प्रदेश कार्यकारी सदस्य की जिम्मेदारी मिली। हरियाणा सरकार CSR ट्रस्ट में वाइस चेयरमैन का दयित्व मिला। शासन के साथ साथ प्रशासन की बात करें तो बोधराज सीकरी GMDA के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।
अब गार्गी कक्क्ड़ की बात करें तो गार्गी कक्क्ड़ भी पंजाबी समुदाय से संबंध रखती हैं। भाजपा की तेज तर्रार जिलाध्यक्षा हैं। इनका परिवार बहुत लम्बे अरसे से आरएसएस से भी जुड़ा हुआ है। पूर्व पार्षद होने के नाते इनके पास राजनीतिक अनुभव भी है। खादी ग्रामोद्योग की पूर्व चेयरमैन हैं। अगर पार्टी महिला उम्मीदवार की ओर देखे तो इसका लाभ भी गार्गी कक्क्ड़ को मिल सकता है।
इसी के साथ जीएल शर्मा की दावेदारी से भी किनारा नहीं किया जा सकता। जीएल शर्मा ब्राह्मण समाज से संबंध रखते हैं। इनके पास भी लम्बा राजनितिक अनुभव है। जीएल शर्मा कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष हैं। लेकिन कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद जीएल शर्मा ने दिनरात एक कर अपनी पार्टी के लिए काम किया।
लोगों को भाजपा के साथ जोड़ा एवं विधानसभा चुनावों में भी अपनी मजबूत दावेदारी पेश की। विभिन्न चुनावों में भी जीएल शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी के लिए निष्ठा से काम करके संगठन में अपनी पकड़ बनाने का काम किया है। जीएल शर्मा हरियाणा डेयरी सहकारी विकास प्रसंघ के पूर्व चेयरमैन हैं एवं अपनी मेहनत, जोश, जज्बे, जूनून की बदौलत आज भाजपा में प्रदेश उपाध्यक्ष के महत्वपूर्ण पद पर हैं।
वहीं कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस से मात्र दो चेहरे ही अभी तक मेयर पद के चुनावों के लिए सामने आ रहे हैं। जिनमें पहला नाम पंकज डावर का है तो दूसरा नाम निशित कटारिया। पंकज डावर पंजाबी समाज से संबंध रखते हैं।
पार्टी के अच्छे और बुरे दौर में अपनी पार्टी के साथ ईमानदारी से कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। सत्ताधारी पार्टी की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भी समय समय पर विभिन्न प्रकार के प्रदर्शनों से आवाज बुलंद करते रहे हैं। एक सफल उद्योगपति होने के साथ साथ इन्होने समाजसेवा में भी अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। कोरोना काल में भी निशुल्क सेनिटाइजर व कई महीनों तक लगातार भंडारा लगाकर गरीब लोगों का पेट भरने का काम किया।
वहीं बात निशित कटारिया की करें तो ये युवा नेता हैं। अभी हाल ही में उन्हें युवा कांग्रेस के जिलाअध्यक्ष का दायित्व मिला है। पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया के सुपुत्र एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के दामाद है। तो अच्छा ख़ासा राजनितिक रसूख भी है। कटारिया परिवार के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ भी पारिवारिक संबंध है।
प्रदेश में भाजपा -जजपा की सरकार है। अगर मेयर के चुनाव भी दोनों पार्टियां मिलकर ही लड़ती हैं तो ऐसे में अगर परिस्थितयों के अनुसार यदि गुरुग्राम की सीट जेजेपी के खाते में आती है तो भाजपा के कार्यकर्ताओं के पसीने छूट सकते हैं। लेकिन ये सब भविष्य की बाते हैं। फिलहाल जेजेपी के मेयर उम्मीदवार के लिए जिलाअध्यक्ष रिशी राज राणा का नाम ही सामने आता है। क्यूंकि सूबे सिंह बोहरा को पार्टी पहले ही राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी दे चुकी है। जो की बहुत अहम पद माना जाता है।
आम आदमी पार्टी भी अब दिल्ली से बाहर निकल कर राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रही है। देश की राजधानी दिल्ली से सटे होने के कारण गुरुग्राम में आप का भी कुछ प्रभाव रहता है। आप के दिवगंत नेता आरएस राठी के बाद पार्टी अब समाजसेवी एडवोकेट अभय जैन या आप के जिलाअध्यक्ष मुकेश डागर को मेयर का चेहरा बना सकती है। अभय जैन RTI एक्टिविस्ट हैं। RERA एक्सपर्ट है। मानव आवाज संस्था के साथ साथ गुरुग्राम की अनेक समाजसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर समाजसेवा के कार्यों में निरंतर लगे रहते है। भ्र्ष्टाचार के खिलाफ निडर होकर लगातार आवाज बुलंद करते रहे हैं।
वहीं मुकेश डागर कोच के नाम से भी जाने जाते है। ये मंडी सुधार समिति, सर छोटू राम एजुकेशनल एंड कल्चरल सोसाइटी, जाट कल्याण संस्था, भारत फ़ूड बैंक के साथ साथ अनेक संस्थाओ के साथ मिलकर समाजसेवा व गुरुग्राम की सेवा के लिए प्रयासरत है।
इनके अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों की लिस्ट में मोहित ग्रोवर, गजे सिंह कबलाना प्रमुख नाम हैं। मोहित ग्रोवर पंजाबी समाज से है। अपनी राजनितिक पारी की शुरुआत करते हुए मोहित ग्रोवर ने विधानसभा चुनावों में लगभग 48000 वोट लेकर गुरुग्राम की राजनीति में अपना अहम स्थान बनाया। अब मेयर की दावेदारी में भी हाथ आजमा सकते हैं।
वहीं गजे सिंह कबलाना की धर्मपत्नी सीनियर डिप्टी मेयर है। गजे सिंह कबलाना के पास राजनितिक अनुभव भी है। गुरुग्राम नगर निगम के आगामी चुनावों को लेकर इच्छुक उम्मीदवार अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। लेकिन ये समय आने पर ही मालुम होगा की क्या चुनाव सही समय पर करवाए जाएंगे और ये पहला मौका है जब गुरुग्राम नगर निगम के मेयर के लिए सीधे तौर पर चुनाव होंगे।
तो ऐसे में बहुत से उम्मीदवार मेयर के चुनावी दंगल में ताल ठोक सकते हैं। हमारा भी यही प्रयास रहेगा की समय समय पर आपको सभी वार्डों के पार्षद संभावित उम्मीदवारों की भी जानकारी देते रहे।
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Viral News – Discussions have started intensifying in political circles regarding the upcoming elections of Gurugram Municipal Corporation. In such a situation, every person is interested to know who are the possible candidates for the mayor of the richest corporation of the state. Because Gurugram has a very important place in the development of the state. Today we would like to tell you that according to the ground reports so far, which candidates can be the face of the Gurugram Mayor elections.
First of all, talking about the ruling party, this time, while expanding the organization, BJP has allotted small and big posts to about 500 people. So that the person sitting on any post is considering himself as a claimant for the party’s ticket in the upcoming councilor elections.
But this is not often the case in politics. Talking about the possible faces of BJP in the mayoral elections, the names of Bodhraj Sikri, Gargi Kakkar and GL Sharma are coming to the fore. First of all, let us tell you about Bodhraj Sikri that Sikri belongs to the Punjabi community. He is also a successful industrialist. For the last long time, along with many social organizations of Gurugram, he is engaged in the work of social service.
Even during the Corona period, he continuously helped the people under the direction of the CM, after which he was made a member of the State Covid Volunteer Committee by the BJP. Got the responsibility of state executive member in Bharatiya Janata Party also. Got the responsibility of Vice Chairman in Haryana Government CSR Trust. Talking about governance as well as administration, Bodhraj Sikri is a special invitee member of GMDA.
Now talking about Gargi Kakkar, Gargi Kakkar also belongs to the Punjabi community. Tej Tarrar is the District President of BJP. His family is also associated with RSS for a long time. Being a former corporator, he also has political experience. Khadi is the former chairman of Village Industry. If the party looks towards a woman candidate, then Gargi Kakkar can also get its benefit.
Along with this, the claim of GL Sharma also cannot be sidelined. GL Sharma belongs to Brahmin community. He also has long political experience. GL Sharma is the former District President of Congress. But after joining BJP from Congress, GL Sharma worked day and night for his party.
Connected people with BJP and also presented its strong claim in assembly elections. In various elections also, GL Sharma has worked faithfully for the Bharatiya Janata Party to make his hold in the organization. GL Sharma is the former chairman of Haryana Dairy Cooperative Development Federation and due to his hard work, enthusiasm, passion, today he is holding the important position of state vice president in BJP.
On the other hand, if we talk about Congress, till now only two faces from Congress are coming forward for the elections for the post of Mayor. In which the first name is of Pankaj Davar and the second name is Nishit Kataria. Pankaj Davar belongs to Punjabi society.
He stood shoulder to shoulder honestly with his party in good and bad times. From time to time, they have been raising their voice against the anti-people policies of the ruling party through various demonstrations. Along with being a successful industrialist, he has also left an indelible mark in social service. Even during the Corona period, he worked to fill the stomach of the poor people by providing free sanitizer and Bhandara continuously for many months.
On the other hand, if we talk about Nishit Kataria, he is a young leader. Recently, he got the responsibility of District President of Youth Congress. He is the son of former minister Sukhbir Kataria and son-in-law of former BJP state president. So there is also a lot of political influence. The Kataria family also has family ties with former chief minister and Congress stalwart Bhupinder Singh Hooda.
There is a BJP-JJP government in the state. If both the parties contest the mayor’s election together, then according to the circumstances, if Gurugram’s seat comes in JJP’s account, then BJP workers can lose their sweat. But these are all things of the future. At present, only the name of District President Rishi Raj Rana comes to the fore for JJP’s mayoral candidate. Because the party has already given the responsibility of National Secretary to Sube Singh Bohra. Which is considered a very important post.
The Aam Aadmi Party is also working at the national level after moving out of Delhi. AAP also has some influence in Gurugram due to its proximity to the country’s capital Delhi. After AAP’s late leader RS Rathi, the party can now make social worker advocate Abhay Jain or AAP’s district president Mukesh Dagar as the mayor’s face. Abhay Jain is an RTI activist. RERA is expert. Along with Manav Awaz Sanstha, he is continuously engaged in social service works in collaboration with many social organizations of Gurugram. He has been fearlessly raising his voice against corruption.
At the same time, Mukesh Dagar is also known as Coach. Along with Mandi Sudhar Samiti, Sir Chhotu Ram Educational and Cultural Society, Jat Kalyan Sanstha, Bharat Food Bank and many other organizations, it is trying to serve the society and Gurugram.
Apart from these, Mohit Grover, Gaje Singh Kablana are prominent names in the list of independent candidates. Mohit Grover belongs to the Punjabi community. Starting his political innings, Mohit Grover made a significant place in the politics of Gurugram by getting around 48000 votes in the assembly elections. Now you can try your hand at mayor’s claim as well.
Whereas Gaje Singh Kablana’s wife is the senior deputy mayor. Gaje Singh Kablana also has political experience. Interested candidates have already started preparing for the upcoming elections of Gurugram Municipal Corporation. But it will be known only when the time comes whether the elections will be held at the right time and this is the first time that there will be direct elections for the Mayor of Gurugram Municipal Corporation.
So in such a situation, many candidates can beat the mayoral election riot. It will be our endeavor that from time to time the councilors of all the wards keep giving information about the potential candidates.
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