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Parmod Saluja – अमर शहीद मंगल पांडेय का बलिदान मातृभूमि की रक्षा के लिए प्रेरित करता रहेगा

parmod saluja

 

गुरुग्राम : Parmod Saluja – पंचनद स्मारक ट्रस्ट के गुरुग्राम जिलाध्यक्ष, लायंस क्लब के जोनल चेयरमैन, पतंजलि योगपीठ के संस्थापक सदस्य, सेठ गोपीचंद सलूजा मेमोरियल ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष, पोलारिस हॉस्पिटल के डायरेक्टर, भाजपा किसान मोर्चा हरियाणा के पूर्व प्रदेश सचिव,भारतीय खाद्य निगम संसदीय बोर्ड के पूर्व सदस्य एवं भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के गुरुग्राम जिला संयोजक एडवोकेट प्रमोद कुमार सलूजा ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद मंगल पांडेय की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कोटि-कोटि नमन किया।

प्रमोद सलूजा ने कहा कि शहीद मंगल पांडेय का संघर्ष एवं बलिदान देश प्रेम के प्रति युवाओं का सदैव मार्गदर्शन करता रहेगा। मातृभूमि के वीर सपूत मंगल पांडेय देश के ऐसे प्रथम व्यक्ति साबित हुए जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत और पराधीनता के खिलाफ सबसे पहले 1857 में आवाज बुलंद की। आज भी 1857 की क्रांति की गाथा हमें देश प्रेम का संदेश देती है।

मंगल पांडेय एक ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्हें फांसी देने को जल्लाद भी तैयार नहीं थे। बर्बर अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध 1857 में क्रांति का बिगुल फूंक अपने बलिदान से राष्ट्र को जागृत करने वाले मां भारती के अमर सपूत मंगल पांडेय का नाम हमेशा ही सम्मान के साथ लिया जाता रहेगा।

प्रमोद सलूजा ने कहा कि मंगल पांडेय का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया में हुआ था। उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ क्रांति की शुरुआत की थी। मंगल पांडेय ने 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में अंग्रेजों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। हालांकि वह पहले ईस्ट इंडिया कंपनी में एक सैनिक के तौर पर भर्ती हुए थे लेकिन ब्रिटिश अफसरों की भारतीयों के प्रति क्रूरता को देखकर उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल लिया था।

उनके पराक्रम और साहस से डरकर अंग्रेजों ने 10 दिन पहले ही 8 अप्रैल 1857 को उन्हें फांसी दे दी थी। प्रमोद सलूजा ने कहा कि देश में आजादी की लड़ाई का पहली बार शंखनाद करने वाले अमर शहीद मंगल पांडेय का बलिदान राष्ट्र की रक्षा का संकल्प याद दिलाता रहेगा। देश के महान सपूत को शत् शत् नमन।

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Gurugram: Parmod Saluja – Gurugram District President of Panchanad Memorial Trust, Zonal Chairman of Lions Club, Founder Member of Patanjali Yogpeeth, Founder President of Seth Gopichand Saluja Memorial Trust, Director of Polaris Hospital, Former State Secretary of BJP Kisan Morcha Haryana, Food Corporation of India. Advocate Pramod Kumar Saluja, former member of the Parliamentary Board and Gurugram District Convenor of BJP Cooperative Cell, paid tribute to the first freedom fighter Amar Shaheed Mangal Pandey on his death anniversary.

Pramod Saluja said that the struggle and sacrifice of martyr Mangal Pandey will always guide the youth towards patriotism. Mangal Pandey, the brave son of the motherland, proved to be the first person in the country who raised his voice against the British rule and subjugation in 1857. Even today the story of the revolution of 1857 gives us the message of patriotism.

Mangal Pandey was such a revolutionary that even the executioners were not ready to hang him. The name of Mangal Pandey, the immortal son of Mother India, who awakened the nation by his sacrifice in 1857 by blowing the trumpet of revolution against the barbaric British rule, will always be taken with respect.

Pramod Saluja said that Mangal Pandey was born on 19 July 1827 in Ballia, Uttar Pradesh. He started a revolution against the East India Company. Mangal Pandey attacked the British in Barrackpore on 29 March 1857 and injured them. Although he had earlier been recruited as a soldier in the East India Company, but after seeing the cruelty of the British officers towards the Indians, he opened a front against the British.

Fearing his bravery and courage, the British had hanged him 10 days earlier on 8 April 1857. Pramod Saluja said that the sacrifice of immortal martyr Mangal Pandey, who first sounded the trumpet of freedom struggle in the country, will continue to remind us of our resolve to protect the nation. Hundreds of salutes to the great son of the country.

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