Viral Sach – Savitri Bai Phule। गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला की धर्मपत्नी श्रीमती सुनीता सिंगला ने कहा कि अगर हम एक बेटी को शिक्षित करते हैं तो वह दो घरों को शिक्षित बनाती है। संवारती है। इसलिए जरूरी है कि समाज में हर वर्ग, हर घर-परिवार बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाकर उन्हें कामयाबी की राह पर चलाए।
यह बात उन्होंने मंगलवार को प्रथम भारतीय महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले की जयंती पर सैनी चौपाल जैकबपुरा में आयोजित उत्कृष्ट महिला शिक्षिका व खिलाड़ी सम्मान समारोह में कही।
श्रीमती सुनीता सिंगला ने कार्यक्रम की शुरुआत में माता सावित्री बाई फुले के चित्र पर पुष्प अर्पित करके उन्हें नमन किया। सैनी समाज (महिला विंग) द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह में श्रीमती सुनीता सिंगला ने कहा कि एक बेटी पर दो घरों को संवारने की जिम्मेदारी होती है।
एक बेटी शिक्षित होकर दो (मायका व ससुराल) घरों को शिक्षित करती है। उन्होंने कहा, यह सच है कि 19वीं सदी तक नारी को केवल मात्र भोग की वस्तु ही समझा गया। समाज में उसे दूसरी पहचान नहीं मिली।
वह घर की चारदिवारी में कैद होकर रह गई थी। आत्मसम्मान के नाम पर महिलाओं का कुछ नहीं था। वे शोषित होती रही। अज्ञानता के अंधकार, कर्मकांड, वर्णवाद, जातिवाद, बाल विवाह, विधवा विवाह न होना, मुंडन एवं सती प्रथा आदि कुप्रथाओं में नारी को बांधकर रख दिया गया।
शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार को कोसों दूर था। उस दौर में महात्मा ज्योतिराव फुले ने समाज में फैली रूढि़वादी और गैर मानवतावादी परंपराओं से लड़ाई लड़ी। उन्होंने बेटियों की शिक्षा के लिए कन्या विद्यालय खोले।
श्रीमती सिंगला ने कहा कि नारी शक्ति को शिक्षित करने के लिए पहले प्रयास में महात्मा ज्योतिराव फुले ने अपनी धर्मपत्नी सावित्री बाई फुले को ही शिक्षित किया। फिर उन्होंने सावित्री बाई की मदद से समस्त नारी जाति के लिए शिक्षा की अलख जगाई।
समाज में स्त्री शिक्षा के प्रति जागरुकता फैली। सावित्री बाई फुले को पहली भारतीय महिला अध्यापिका बनने का गौरव हासिल किया। यह हमारे समाज में बदलाव की बड़ी शुरुआत थी।
इस कार्यक्रम में समाजसेविका कल्पना गोयल, सैनी समाज से सरोज सैनी, सविता सैनी, रेखा सैनी, कमलेश, लक्ष्मी समेत अनेक महिलाएं मौजूद रहीं।
Translated by Google
Viral News – Gurugram. Mrs. Sunita Singla, wife of Gurgaon MLA Sudhir Singla, said that if we educate a girl child, she educates two families. Grooms. That’s why it is necessary that every class, every household in the society should provide higher education to the daughters and lead them on the path of success.
He said this on the occasion of the birth anniversary of the first Indian woman teacher Mata Savitri Bai Phule on Tuesday at the excellent women teacher and sportsperson felicitation ceremony organized at Saini Chaupal Jacobpura.
At the beginning of the programme, Mrs. Sunita Singla offered flowers on the picture of Mata Savitri Bai Phule and bowed down to her. In this felicitation ceremony organized by Saini Samaj (Women’s Wing), Mrs. Sunita Singla said that a daughter has the responsibility of maintaining two homes.
A daughter gets educated and educates two (mother’s and in-laws) houses. He said, it is true that till the 19th century women were considered only as an object of enjoyment. He did not get any other identity in the society.
She was imprisoned in the four walls of the house. Women had nothing in the name of self-respect. She kept getting exploited. In the darkness of ignorance, rituals, casteism, casteism, child marriage, no widow remarriage, mundan and sati system etc., women were tied up.
The right to get education was far away. In that period, Mahatma Jyotirao Phule fought against the conservative and non-humanist traditions spread in the society. He opened girls schools for the education of daughters.
Mrs. Singla said that in the first attempt to educate women power, Mahatma Jyotirao Phule educated his wife Savitri Bai Phule. Then with the help of Savitri Bai, he raised the flame of education for all women.
Awareness about women education spread in the society. Savitri Bai Phule got the distinction of becoming the first Indian female teacher. This was the beginning of a big change in our society.
Many women including social worker Kalpana Goyal, Saroj Saini, Savita Saini, Rekha Saini, Kamlesh, Lakshmi from Saini Samaj were present in this program.
Follow us on Facebook