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The Power of Human Rights Foundation – होली पर फूलों से बने गुलाल ही लगाएं

The Power of Human Rights Foundation

 

Viral Sach – The Power of Human Rights Foundation – वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो होली पर जो रंग व गुलाल उपयोग होते हैं वो हमारे शरीर के लिए काफी प्रभावित है क्योंकि इस समय बदलते मौसम में लोग उनींदे और आलसी से होते हैं।

ठंडे मौसम के गर्म रुख अख्तियार करने के कारण शरीर का कुछ थकान और सुस्ती महसूस करना प्राकृतिक है। शरीर की इस सुस्ती को दूर भगाने के लिए ही लोग इस मौसम में न केवल जोर से गाते हैं बल्कि बोलते भी थोड़ा तेज हैं। इस मौसम में बजाया जाने वाला संगीत भी बेहद तेज होता है।

जिससे हमारे शरीर को एक नई ऊर्जा मिलती है। इसके अतिरिक्त गुलाल और अबीर जब शरीर पर डाला जाता है तो इसका हमारे शरीर पर बहुत गहरा प्रभाव होता है।

हमारे शरीर पर पलाश के फूलों से तैयार गुलाल व रंगीन पानी बहुत प्रभावशाली होता है क्योंकि यह शरीर को ताजगी प्रदान करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि गुलाल या अबीर शरीर की त्वचा को उत्तेजित करते हैं और पोरों में समा जाते हैं और शरीर के आयन मंडल को मजबूती प्रदान करने के साथ ही स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं और उसकी सुदंरता में निखार लाते हैं।

शरद ऋतु की समाप्ति और बसंत ऋतु के आगमन का यह काल पर्यावरण और शरीर में बैक्टीरिया की वृद्धि को बढ़ा देता है लेकिन जब होलिका जलाई जाती है तो उससे करीब 145 डिग्री फारेनहाइट तक तापमान बढ़ता है।

होलिका की परिक्रमा करते वक़्त उसका ताप शरीर और आसपास के पर्यावरण में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है और इस प्रकार यह शरीर तथा पर्यावरण को स्वच्छ करता है। हमारे शरीर में किसी रंग विशेष की कमी कई बीमारियों को जन्म देती है और जिनका इलाज केवल उस रंग विशेष की आपूर्ति करके ही किया जा सकता है।

Translated by Google 

Viral Sach – The Power of Human Rights Foundation – If seen from a scientific point of view, the colors and gulal used on Holi are very affected for our body because at this time people are sleepy and lazy in the changing season.

It is natural for the body to feel a bit tired and lethargic as the cold weather takes its toll. To drive away this lethargy of the body, people not only sing loudly in this season but also speak a little fast. The music played in this season is also extremely loud.

Due to which our body gets a new energy. Apart from this, when Gulal and Abir are poured on the body, it has a profound effect on our body.

Gulal and colored water prepared from Palash flowers are very effective on our body as it provides freshness to the body. Scientists believe that Gulal or Abir stimulates the skin of the body and gets absorbed in the pores and strengthens the ion system of the body, improves health and enhances its beauty.

This period of the end of autumn and the arrival of spring increases the growth of bacteria in the environment and body, but when Holika is lit, it increases the temperature to about 145 degrees Fahrenheit.

While orbiting Holika, its heat destroys the bacteria present in the body and the surrounding environment and thus it cleans the body and the environment. Deficiency of any particular color in our body gives rise to many diseases and which can be treated only by supplying that particular colour.

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