Gurugram

निर्माण श्रमिकों के बच्चों ने जाना Road Safety की अहमियत

Road Safety

Viral Sach – गुरुग्राम : Road Safety के प्रति अधिकाधिक जागरूकता के लिए बच्चे सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। वो अपने अभिभावकों एवं परिवारजनों को दुर्घटनाओं के प्रति सचेत कर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने का सार्थक प्रयास कर सकते हैं।

इसी उद्देश्य से बच्चों को यातायात नियम व सड़क दुर्घटना के बारे में समझाने के लिए एम3एम फाउंडेशन ने गुरुग्राम में आईएमपावर क्लब (आईएफ़सी सेक्टर 66, कॉर्नरवॉक सेक्टर 74, प्रिवे सेक्टर 75, ब्रॉडवे 71 और 65वें एवेन्यू सेक्टर 65) में 32वां राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह मनाया।

इस दौरान फ़ैकल्टी मेंबर्स द्वारा द्वारा सड़क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर 140 से अधिक बच्चों को जागरूक किया गया। बच्चों ने सड़क सुरक्षा के महत्व पर जागरूकता फैलाते हुए आसपास के क्षेत्र में एक रैली भी निकाली। पहल का उद्देश्य उन युवाओं में जागरूकता फैलाना था जो राष्ट्र का भविष्य हैं।

एम3एम फाउंडेशन की ट्रस्टी डॉ. पायल कनोडिया ने कहा, “सड़क दुर्घटनाएं भारत में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। ऐसे में यह पहल नागरिकों के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में किए गया हमारा एक प्रयास मात्र है। बच्चे देश के भविष्य है, ऐसे में इन बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने से एक सुरक्षित भविष्य का निर्माण सुनिश्चित होगा।“

‘आईएमपावर’ एम3एम फाउंडेशन की प्रमुख पहलों में से एक है। फाउंडेशन ने ‘आईएमपावर’ प्रोजेक्ट के लिए एड-एट-एक्शन के साथ हाथ मिलाया है, जिसका उद्देश्य निर्माण स्थलों पर मौजूद कार्यबल का उत्थान करना है। इस पहल के द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा, कानूनी सहायता, एवं राज्य और केंद्रीय कल्याण योजनाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित की जा रही है।

यह परियोजना एम3एम के वर्कसाइट और उसके आसपास मौजूद महिलाओं के जीवन में भी बदलाव आ रहा है। साथ ही, मल्टी-फंक्श्नल रिसोर्स सेंटर के माध्यम से 0-35 उम्र तक के लोगो को जोड़ रही है। । यह रिसोर्स सेंटर न केवल बच्चों के लिए शिक्षा प्राप्त करने का एक स्थान है, बल्कि सरकारी अधिकारों / योजनाओं के साथ समुदाय को भी जोड़ता है।

रिसोर्स सेंटर द्वारा डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण को बढ़ावा देने के साथ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने का भी काम किया जाता है। इस सुविधा के माध्यम से बच्चों और समुदाय के सदस्यों को परियोजना क्षेत्र में डिजिटली साक्षर बनाया जा रहा है। विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी पहलों के माध्यम से समुदाय के व्यवहार परिवर्तन पहलुओं पर भी पर भी काम किया जा रहा है।

एम3एम ग्रुप की परोपकारी शाखा एम3एम फाउंडेशन, एक उज्जवल भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने और समान विकास लाने की दिशा में काम कर रही है। शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और सामाजिक-आर्थिक विकास इसके प्रमुख क्षेत्र हैं। एम3एम फाउंडेशन सेल्फ-सटेंड प्रोग्राम विकसित करके सामाजिक समस्याओं को सुलझाने के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण अपनाने में विश्वास करता है।

सड़क सुरक्षा उन प्रमुख मुद्दों में से एक है जिन पर तत्काल संज्ञान लेने की आवश्यकता है। सड़कों पर लापरवाही और लापरवाह ड्राइविंग दुनिया भर में मृत्यु और सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण बन गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, 2019 में भारत में कुल 4,37,396 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें 1,54,732 लोगों की जान गई और 4,39,262 लोग घायल हुए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि दुनिया की लगभग 93% सड़क दुर्घटनाएं कम और मध्यम आय वाले देशों में होती है, भले ही इन देशों में दुनिया के लगभग 60% वाहन हैं।

Translated by Google 

Viral News – Gurugram: Children can play an active role in creating more awareness about road safety. They can make a meaningful effort to reduce road accidents by alerting their parents and family members about accidents.

For this purpose, M3M Foundation organized 32nd National Road Safety Month at IMPower Club (IFC Sector 66, Cornerwalk Sector 74, Prive Sector 75, Broadway 71 and 65th Avenue Sector 65) in Gurugram to make children understand about traffic rules and road accidents. Celebrated.

During this, more than 140 children were sensitized by the faculty members on various aspects of road safety. The children also took out a rally in the surrounding area spreading awareness on the importance of road safety. The objective of the initiative was to spread awareness among the youth who are the future of the nation.

Dr. Payal Kanodia, Trustee, M3M Foundation said, “Road accidents are one of the leading causes of death in India. Hence, this initiative is just one of our efforts towards making the roads safer for the citizens. The future is, in such a situation, making these children aware of road safety will ensure the creation of a safe future.

‘iMPower’ is one of the flagship initiatives of M3M Foundation. The Foundation has joined hands with Aid-at-Action for the ‘iPower’ project, which aims to uplift the workforce on construction sites. Through this initiative, their access to education, health, financial and social security, legal aid, and state and central welfare schemes is being ensured.

The project is also transforming the lives of women in and around M3M’s workplace. Also, connecting people in the age group of 0-35 through a multi-functional resource center. , This resource center is not only a place for children to get education but also connects the community with government entitlements/schemes.

Apart from promoting digital literacy, health, hygiene and nutrition, the Resource Center also provides skill training to the youth. Through this facility children and community members are being made digitally literate in the project area. Behavior change aspects of the community are also being worked upon through various health related initiatives.

M3M Foundation, the philanthropic arm of M3M Group, is working towards achieving the goal of a brighter India and bringing about equitable development. Education, environment, health, disaster management and socio-economic development are its main areas. M3M Foundation believes in taking an innovative approach to solve social problems by developing self-sustainable programs.

Road safety is one of the major issues that needs immediate attention. Careless and reckless driving on the roads has become a major cause of death and road accidents across the world. According to the National Crime Records Bureau (NCRB), a total of 4,37,396 road accidents were registered in India in 2019, in which 1,54,732 people lost their lives and 4,39,262 were injured. The World Health Organization (WHO) estimates that about 93% of the world’s road accidents occur in low- and middle-income countries, even though these countries account for about 60% of the world’s vehicles.

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