गुरुग्राम, (प्रवीन कुमार ) : वार्ड न 34 के उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में राजनीतिक सर्गर्मियों का तेज होना भी जायज है। लेकिन आपको बता दे की गुरुग्राम नगर निगम में आम आदमी पार्टी के इकलोते पार्षद व आम आदमी पार्टी के विधानसभा के प्रत्याशी रहे रणबीर सिंह राठी कोरोना बीमारी के कारण इस संसार को अलविदा कह गए। इसी के साथ भ्र्ष्टाचार व भाजपा के खिलाफ एक बुलन्द आवाज भी शांत हो गयी।
इसी कारण वार्ड न 34 में उपचुनाव की स्थिति बनी। चुनावों की घोषणा होते ही गुरुग्राम के बुद्धिजीवी लोगों द्वारा यही अनुमान लगाया जा रहा था की वार्ड न 34 में रणबीर सिंह राठी के कार्य की अपनी ही छाप थी। ऐसे स्वर्गीय आर एस राठी की धर्मपत्नी व पूर्व पार्षद रमां राठी अगर चुनाव मे खड़ी होती है तो वे विजेता भी हो सकती है। लेकिन गुरुग्राम में वार्ड न 34 के भाजपा की टिकट की ओर टकटकी लगाए कार्यकर्ताओं को जोर का झटका धीरे से उस समय लगा। जब भाजपा कार्यालय मे रमां राठी का फूलों की माला से स्वागत करते हुए भाजपा जिलाअध्यक्षा के चित्र सोशल मीडिया मे Viral हो गए। 
भाजपा ने रमां राठी को पार्टी मे शामिल कर लिया या रमां राठी ने भाजपा का दामन थाम लिया। कुछ भी कह लीजिये। लेकिन इतना साफ हो गया है कि अब वार्ड न 34 से पार्षद की टिकट की आस लगाए युवा नेताओं के हाथ खाली रह सकते हैं। इसी के साथ ही अनेक सवाल आमजन के जहन मे दोड़ने लगे हैं।
क्या सदा भाजपा का विरोध करने वाले आर एस राठी की छवि पर मिलने वाली वोट अब भाजपा के ही काम आयेगी ?
क्या लगातार पार्टी के कार्यकर्मो को सफल बनाने के लिए अपनी ताकत झोंकने वाले युवा कार्यकर्ताओं में से एक भी काबिल उम्मीदवार पार्टी को नही लगा ?
क्या अगले साल नगर निगम के सम्भावित चुनावो में भी पैराशूट उम्मीदवारों को मिलेगा टिकट?
या फिर रमां राठी को सिर्फ चुनावी चेहरा बनाकर करवाई जायेगी कमल पर वोट की अपील?