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Dera Sacha Sauda का 76वां रूहानी स्थापना दिवस मनाने उमड़ी साध-संगत

Dera Sacha Sauda

 

सिरसा। सर्वधर्म संगम Dera Sacha Sauda का 76वां रूहानी स्थापना दिवस का शुभ भंडारा सोमवार को शाह सतनाम-शाह मस्तान जी धाम व मानवता भलाई केंद्र डेरा सच्चा सौदा सिरसा में बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। खराब मौसम और दिनभर बूंदाबांदी के बीच पावन भंडारा मनाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी तादाद में साध-संगत ने भाग लिया।

इस दौरान डेरा सच्चा सौदा की ओर से किए जा रहे 162 मानवता भलाई कार्यों को गति देते हुए क्लॉथ बैंक मुहिम के तहत जरूरतमंद बच्चों को कपड़े वितरित किए गए। भंडारे की खुशी में पूज्य गुरु जी द्वारा भेजा गया 19वां रूहानी पत्र (चिट्ठी) साध-संगत को पढ़कर सुनाया गया। जिसे सुनकर साध-संगत भाव-विभोर हो गई। चिट्ठी के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने सर्वप्रथम साध-संगत को स्थापना दिवस के एमएसजी भंडारे की बधाई और आशीर्वाद दिया।

साथ ही डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत द्वारा किए जा रहे 162 मानवता भलाई कार्यों की फेहरिस्त में एक कार्य और जोड़ दिया है, जिसका नाम है पालतु संभाल, यानी पालतु पशुओं को आवारा नहीं छोड़ेंगे। उपस्थित साध-संगत ने अपने दोनों हाथ खड़े कर पालतु संभाल कार्य करने का प्रण लिया।

इस दौरान पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को आशीर्वाद देते हुए फरमाया कि परम पिता एमएसजी आपके घर (शरीर) व परिवार को खुशियां दे और परिवार का आपस में प्यार बढ़े। साथ ही साध-संगत द्वारा किए जा रहे मानवता भलाई कार्यों के लिए उनका हौसला बढ़ाते हुए पूज्य गुरु जी ने लिखा कि आप सब जैसे सृष्टि भलाई के कार्य दिन-रात करते रहते है वो जज्बा कमाल का है और इसे बढ़ाए, कम ना होने दें।

सुबह 11 बजे पवित्र नारा धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के साथ समस्त साध-संगत ने पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को पवित्र भंडारे की बधाई के साथ नामचर्चा सत्संग का आगाज किया। कविराजों ने भक्तिमय भजनों से सतगुरु की महिमा का गुणगान किया। बाद में सत्संग पंडाल में लगाई गई बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीनों द्वारा साध-संगत ने पूज्य गुरु जी के अनमोल वचनों को एकाग्रचित होकर श्रवण किया।

पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को संबोधित करते हुए फरमाया कि साईं जी का लगाया गया वो बीज सच्चा सौदा आज वट वृक्ष बन चुका है। पूरी दुनिया में लोग राम-नाम गाने लगे है। नशा छोड़ने, बुराईयां छोड़ने और अपनी टूटी तार फिर से राम-नाम से जोड़ने के लिए लोग सच्चे सौदे में आते हैं तथा मालिक से यही दुआ है कि राम-नाम से उनकी तार फिर से जुड़ जाए और उनको वो दातार (परम पिता परमात्मा) फिर से मिल जाए।

पूज्य गुरु जी ने साईं दाता रहबर के दया मेहर के बारे में बताते हुए कहा कि आज घोर कलियुग है। उनके वचन है कि इस जलते-बलते भट में भगवान का नाम ऐसे काम करता है जैसे तपती हुई रेगिस्तान की धरती पर रिमझिम बरसात होने लग जाए। ठीक उसी प्रकार राम का नाम काम करता है। कुदरत ने क्या-क्या जगह बना रखी है और साईं जी ने भी ऐसी जगह को चुना।

शाह मस्तान जी, शाह सतनाम जी धाम दोनों ही जगह ऐसी है। साईं जी के चोज अलग थे। जब शाह मस्तान जी धाम बनाया तो कभी वहां मकान बना देते तो कभी उसे गिरा देते थे। साध-संगत उनके चोज समझ नहीं पा रही थी। पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि दाता रहबर ने जो उपकार किए उनको बयान नहीं किया जा सकता।

परम पिता शाह सतनाम जी महाराज को जब साईं जी ने गुरुगद्दी पर बैठाया तो साईं जी ने अपने वचना अनुसार फरमाया कि जिसको दुनिया बाहर ढूंढती रहती है, उसको हमने सब के सामने बैठा दिया है और वचन फरमाए कि हम थे, हम है और हम ही रहेंगे, कभी जाएंगे नहीं।

लेकिन इसके लिए भी आंख देखने वाली होनी चाहिए। अगर रूहानियत के किसी फकीर के नजारे लूटने हो, खुशियां लेनी हो, ओम, परम पिता परमात्मा को देखना हो तो इंसान को अपने मोतिया बिंद का आॅपरेशन कराना होगा। काम-वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, मन, माया, गम, दुख, दर्द, चिंता, टैंशन, परेशानी आदि में इंसान उलझा पड़ा है।

पावन भंडारे की खुशी में आयोजित नामचर्चा सत्संग के दौरान पूज्य गुरु जी द्वारा युवाओं को नशों से दूर रहने के लिए प्रेरित करते गाए गए सॉन्ग मेरे देश की जवानी और आशीर्वाद मांओं का चलाए गए। सॉन्ग के माध्यम से नशे में बर्बाद होते युवाओं को राम-नाम का जाप कर नशा छोड़ने का सशक्त संदेश दिया गया। इसके अलावा इन भजनों पर साध-संगत ने नाच गाकर जमकर खुशियां मनाई।

नामचर्चा सत्संग भंडारे के दौरान डेरा सच्चा सौदा के स्थापना दिवस से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। जिसमें बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज द्वारा 1948 में डेरा सच्चा सौदा की नींव रखने से लेकर परम पिता शाह सतनाम जी महाराज व पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की रहनुमाई में किए जा रहे 162 मानवता भलार्ई कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

 

Dera Sacha Sauda

 

Translated by Google 

Sirsa. The auspicious Bhandara of the 76th spiritual foundation day of Sarvadharma Sangam Dera Sacha Sauda was celebrated with great pomp and joy on Monday at Shah Satnam-Shah Mastan Ji Dham and Humanity Welfare Center Dera Sacha Sauda Sirsa. A large number of devotees from different states of the country participated to celebrate the holy Bhandara amid bad weather and drizzle throughout the day.

During this time, giving impetus to 162 humanitarian works being done by Dera Sacha Sauda, clothes were distributed to needy children under the Cloth Bank campaign. In the joy of Bhandara, the 19th spiritual letter (letter) sent by revered Guru Ji was read out to the devotees. Hearing this Sadh Sangat became emotional. Through the letter, respected Guru Ji first congratulated and blessed the Sadh Sangat on the foundation day of MSG Bhandare.

Apart from this, one more task has been added to the list of 162 humanitarian works being done by the Sadh Sangat of Dera Sacha Sauda, which is named Petu Sambhal, that is, do not leave the pet animals as strays. The devotees present raised both their hands and took a pledge to take care of the pet.

During this, revered Guru Ji blessed the devotees and said that may Almighty MSG give happiness to your home (body) and family and may the love among the family increase. Also, while encouraging the Sadh Sangat for the welfare work being done by them for the welfare of humanity, revered Guru Ji wrote that the spirit with which you all keep working day and night for the welfare of the world is amazing and let it increase and not let it diminish. .

At 11 am, with the holy slogan Dhan-Dhan Satguru Tera Hi Aasra, all the devotees started the Naamchara Satsang by congratulating the revered Guru Saint Dr. Gurmeet Ram Rahim Singh Ji Insan for the holy Bhandara. The poets praised the glory of Satguru with devotional hymns. Later, the devotees listened to the precious words of revered Guru Ji with concentration through the big LED screens installed in the satsang pandal.

While addressing the devotees, revered Guru Ji said that the seed planted by Sai Ji has become a true banyan tree today. People all over the world have started singing Ram’s name. People come to the true market to give up drug addiction, to give up evil deeds and to reconnect their broken strings with the name of Ram and this is their prayer to the Lord that their strings be reconnected with the name of Ram and they are given that Datar (Supreme Father, Supreme Soul). Let’s meet again.

While talking about the mercy of Sai Data Rahbar, revered Guru Ji said that today is a terrible Kaliyuga. His words are that in this burning furnace, the name of God works like it starts drizzling rain on the scorching desert land. The name of Ram works in the same way. Nature has created so many places and Sai ji also chose such a place.

Shah Mastan Ji and Shah Satnam Ji Dham both the places are like this. Sai ji’s clothes were different. When Shah Mastan ji built Dham, sometimes he would build a house there and sometimes he would demolish it. Sadh Sangat was not able to understand his thoughts. Respected Guru ji further said that the favors done by Data Rahbar cannot be described.

When Sai Ji installed Supreme Father Shah Satnam Ji Maharaj on the throne of Guru, Sai Ji said as per his promise that the one whom the world keeps searching for outside, we have made him sit in front of everyone and promised that we were, we are and we only. Will stay, will never go.

But for this also the eyes should be able to see. If one wants to enjoy the sight of a mystic of spirituality, if one wants to seek happiness, if one wants to see Om, the Supreme Father Supreme Soul, then a person will have to get his cataract operated. Man is entangled in lust, anger, greed, attachment, ego, mind, illusion, sorrow, pain, worry, tension, trouble etc.

During the Namcharcha Satsang organized in celebration of the sacred Bhandare, the songs Mere Desh Ki Jawani and Aashirwad Maa Ka sung by respected Guru Ji inspiring the youth to stay away from drugs were played. Through the song, a powerful message was given to the youth who were wasting their time in drugs to quit drug addiction by chanting the name of Ram. Apart from this, the devotees celebrated by dancing and singing on these hymns.

During Namcharcha Satsang Bhandare, a documentary related to the foundation day of Dera Sacha Sauda was shown. In which, from the foundation of Dera Sachcha Sauda by the carefree Sai Shah Mastana Ji Maharaj in 1948 to the 162 works of welfare being done for humanity under the guidance of Supreme Father Shah Satnam Ji Maharaj and revered Guru Saint Dr. Gurmeet Ram Rahim Singh Ji Insan, it is detailed. Information was given from.

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